दिल्ली के कथित 'शराब नीति घोटाले' में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कोर्ट से निवेदन किया की उन्हें जमानत दी जाए. उनके वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि मनीष सिसोदिया की पत्नी बीमार हैं और उनकी देखभाल के लिए कोई नहीं है. साथ ही उनका बेटा भी विदेश में है. ऐसे में मानवीय आधार पर मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी जाए. हालांकि मनीष सिसोदिया के वकील के इस अनुरोध का सीबीआई ने विरोध किया.
सीबीआई ने बेल देने का विरोध करते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकरा में इतने बड़े पद पर हैं कि वो ना सिर्फ सबूतों को छिपा सकते हैं बल्कि उन्हें नष्ट भी कर सकते हैं. इसपर मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि मनीष जांच एजेंसियों के साथ शुरू से ही सहयोग कर रहे हैं और अगर उन्हें बेल मिली तो वो आगे भी ऐसे ही सहयोग करेंगे.
गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया की तरफ से प्रवर्तन निदेशालय मामले में जमानत याचिका दाखिल की गई है. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया है. इस मामले की सुनवाई 25 मार्च को ईडी मामले में सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई होगी. सिसोदिया की सीबीआई जमानत के मामले में वकील दयान कृष्णन ने दलील दी कि मोबाइल फोन सीज हो चुका है. अन्य फोन सेट को लेकर हम जवाब दे चुके हैं. हमारी अपील है कि अब जमानत पर रिहाई का आदेश दिया जाए.
मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई कानून के दायरे में काम नहीं कर रही हैं. सीबीआई को जो डिवाइस मिले हैं, उसमें सीधे तौर पर मनीष के खिलाफ कुछ नहीं मिला है. इस मामले में सीबीआई सिर्फ मनीष को परेशान कर रही है. आबकारी मामले में सीबीआई मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकीं है. सीबीआई के पास इस मामले में अब कुछ नया नहीं है.