माफिया डॉन और यूपी के मऊ से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को लेकर दो राज्यों की सरकारें सुप्रीम कोर्ट में आपस में टकरा रही हैं. मुद्दा ये है कि मुख्तार अंसारी पंजाब के रोपड़ जिले की रूपनगर जिले में बंद है. यूपी सरकार का कहना है कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ दस से ज्यादा संगीन केस दर्ज हैं, जिन पर सुनवाई के साथ इनमें न्याय सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. लिहाजा उन्हें पंजाब से यूपी ट्रांसफर किया जाए. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
मुख्तार अंसारी का कहना है कि उसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन तो है ही, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि उसे यूपी में खतरा है. उसका कहना है कि यूपी सरकार राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है. उसने डॉन बृजेश सिंह से अपनी जान को खतरा भी बताया है. वो उनकी हत्या करा सकता है. मुख्तार अंसारी का कहना है कि वह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये किसी भी मुकदमे की सुनवाई को तैयार है.
वहीं पंजाब सरकार ने कहा है कि यूपी की सरकार मामले में इतनी उग्रता दिखा रही है. यह डॉक्टरों की राय है, फिलहाल मुख्तार अंसारी को दूसरी जगह न भेजा जाए. उसका विरोध सिर्फ चिकित्सकों की राय पर आधारित है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब सरकार एक गैंगस्टर, आतंकवादी को बचा रही है. मुख्तार अंसारी जेल में मजे ले रहा है. पंजाब सरकार ने दलील रखी कि मौलिक अधिकार सरकारों के नहीं होते, नागरिकों के होते हैं, लिहाजा इस दलील को देकर यूपी सरकार कोर्ट में नहीं आ सकती. ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए.
वहीं यूपी सरकार कह रही है कि मामले में उसके नागरिकों के भी अधिकार प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि उनके यहां के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा है. लिहाजा मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल ले जाना जरूरी है, लेकिन पंजाब सरकार उन्हें बचा रही है.
मुख्तार अंसारी की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनका मुवक्किल एक छोटा व्यक्ति है, क्यों यूपी सरकार उसके पीछे पड़ी है. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मुख्तार अंसारी छोटा व्यक्ति नहीं है, वह बेहद शक्तिशाली है और पूरी पंजाब सरकार बेशर्मी से उसके पीछे खड़ी है. रोहतगी ने कहा कि अगर मुख्तार अंसारी इतने शक्तिशाली हैं तो क्यों न उनको मुख्यमंत्री बना दिया जाए. हालांकि बहस का अभी कोई नतीजा नहीं निकला है.
केस पर सुप्रीम कोर्ट दो मार्च को सुनवाई करेगा. लेकिन यह बात काफी अहम है कि ऐसा मुद्दा आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट में नहीं दिखाई देता, जहां दो सरकारें आमने-सामने खड़ी हों और खास बात ये रही है कि जो आरोपी है, वह दोनों में से किसी भी पार्टी से संबंध नहीं रखता.