लालू ने उम्मीदवीरों को सिंबल दिए, तेजस्वी पटना लौटे तो वापस लिए गए - आखिर चल क्या रहा है?

Bihar Election News: बिहार विधानसभा चुनाव में जैसे-जैसे पहले चरण के नामांकन की डेट नजदीक आ रही है. महागठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान बढ़ रही है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
लालू यादव
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी में कई नेताओं को सिंबल मिलने और लौटाने को लेकर बड़ा सस्पेंस है
  • महागठबंधन में अभी सीट बंटवारे की नहीं हुई है घोषणा, कई दलों ने बांट दिए हैं सिंबल
  • कांग्रेस और आरजेडी में सीटों को लेकर बातचीत अंतिम दौर में होने का दावा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना:

राजद ने अपने उम्मीदवारों से सिंबल वापस ले लिए. कल शाम में लालू प्रसाद यादव ने कई नेताओं को सिंबल बांटे थे. तेजस्वी यादव के दिल्ली से वापस आने के बाद उम्मीदवारों को देर रात बुलाया गया और उनसे सिंबल वापस लिए गए. कल शाम मनेर विधायक भाई वीरेंद्र, परबत्ता से डॉ संजीव, मटिहानी से बोगो सिंह, संदेश से अरुण यादव के बेटे को सिंबल दिया गया था, तस्वीरें भी सामने आई थी. लेकिन इन सब से सिंबल वापस ले लिया गया.

सिंबल लौटाने का क्या है खेल?

सिंबल क्यों लौटाया जा रहा है, इसको लेकर नेताओं को कुछ साफ नहीं कहा. राजद नेता अली अशरफ फातमी ने कहा कि किसी को सिंबल दिया ही नहीं गया है. उन्होंने कहा कि "जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर हैं, वह 2020 के चुनाव हैं या AI जेनरेटेड हैं. लालू जी ने किसी को सिंबल नहीं दिया है."सिंबल लौटाने पहुंचे मनेर विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुझे किसी के बारे में फीडबैक देना था इसलिए मैं यहां आया हूं. मटिहानी से पूर्व विधायक बोगो सिंह की भी तस्वीर भी सामने आई थी. उन्हें लालू प्रसाद यादव ने सिंबल दिया था. देर रात वे भी सिंबल लौटाने वापस आए. हालांकि बाहर निकलने के बाद उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हम नेता से मिलने आए थे.

राबड़ी आवास के बाहर नेताओं की भीड़ 

देर रात राबड़ी देवी के आवास के बाहर बड़ी संख्या में राजद नेता, कार्यकर्ता जुटे रहे. कार्यकर्ताओं के बीच कई तरह की चर्चा चलती रही. कार्यकर्ता आपस में कांग्रेस से गठबंधन टूटने और नए गठबंधन बनने की बात कर रहे थे. यह देर रात तक कयासबाजी चलती रही. करीब ढाई बजे राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव राबड़ी आवास से बाहर निकले. उनके साथ गाड़ी में पशुपति पारस के भतीजे पूर्व सांसद प्रिंस पासवान भी मौजूद थे. पासवान अपनी पार्टी का विलय करने से मना कर चुके थे। फिर भी वे गाड़ी में मौजूद थे, इसको लेकर भी चर्चा होती रही कि नया गठबंधन बन रहा है. 

हालांकि सिंबल क्यों वापस हुए इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई. लेकिन फिलहाल इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं.

Featured Video Of The Day
Al Falah University के जमीन घोटाले से जुड़े बड़े सबूत लगे NDTV के हाथ, देखें बड़ा खुलासा|Delhi Blast
Topics mentioned in this article