बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) की 24 सीटों पर हुए चुनाव में जब से नतीजे आए हैं, सभी दल उसकी समीक्षा में लगे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की जनता दल यूनाइटेड जो इस चुनाव में तीन नम्बर पर रही उसके नेताओं की मानें तो एनडीए के घटक दलों में एकजुटता का अभाव और परस्पर बयानबाज़ी के कारण मतदाताओं में भ्रम की स्थिति हुई हैं.
जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के अनुसार हर दिन भाजपा के नेताओं के बयानबाज़ी के कारण एक भ्रम की स्थिति बन गयी है कि बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. उनके अनुसार गठबंधन धर्म का पालन सभी दलों को करना चाहिए लेकिन हर दिन भाजपा के कुछ नेताओं के बयान से एक ग़लत संदेश खुद एनडीए के वोटर के बीच गया है. यादव ने कहा कि अगर एनडीए नेता एकजुट होकर चुनाव मैदान में जाते तो परिणाम और बेहतर हो सकता था.
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निश्चित रूप से विजेंद्र यादव के बयान से बिहार एनडीए ख़ासकर भाजपा और जनता दल यूनाइटेड में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा, उसकी पुष्टि होती है लेकिन जनता दल यूनाइटेड को ख़ासकर इस बात का मलाल है कि पार्टी उम्मीदवारों को वो चाहे पटना सीट हो या मुंगेर या पश्चिम चंपारण सब जगह भीतरघात का सामना करना पड़ा.
हालाँकि, यादव के इस बयान पर भाजपा की कोई अधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है लेकिन भाजपा के नेता कहते हैं कि भाजपा जिन सीटों पर हारी, वहाँ जनता दल यूनाइटेड के नेता उनके प्रत्याशी के प्रति बहुत उत्साह से काम करते कहीं नहीं दिखे.
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इस बीच बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल और जनता दल संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के बीच वाक् युद्ध तेज हो गया है. उपेन्द्र कुशवाहा ने 2025 के बाद भी नीतीश कुमार के एनडीए नेता होने का दावा किया तो जायसवाल ने उल्टे उनसे पूछा कि क्या उपेन्द्र कुशवाहा अपने बारे में ये गारंटी दे सकते हैं कि वो जनता दल यूनाइटेड या एनडीए में बने रहेंगे. इस पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि ये सवाल करने वाले संजय जायसवाल कौन होते हैं क्योंकि ये तो उनके नेता नीतीश कुमार या राष्ट्रीय अध्यक्ष कर सकते हैं.