वक़्फ़ बिल की समीक्षा कर रही जेपीसी में क्यों आ रहे जम्मू कश्मीर के मीरवाइज उमर फारुक

JPC Waqf Bill Meeting: मीरवाइज उमर फारूक को जेपीसी मीटिंग में बुलाकर केंद्र सरकार बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रही है. जानिए क्या है मकसद...

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JPC Waqf Bill Meeting: मीरवाइज उमर फारूक की वक्फ बिल पर राय काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

JPC Waqf Bill Meeting: वक़्फ़ बिल की समीक्षा कर रही जेपीसी की आज बैठक होगी. बैठक में जम्मू कश्मीर के मीरवाइज उमर फारुक (Mirwaiz Umar Farooq) को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है. पहले आज की बैठक में रिपोर्ट के ड्राफ्ट को लेकर सिलसिलेवार चर्चा होनी थी, लेकिन गुरुवार देर शाम बैठक के एजेंडे में बदलाव किया गया.

आज की बैठक में मीरवाइज उमर फारूक एक प्रतिनिधिमंडल के साथ जेपीसी के सामने वक्फ बिल को लेकर अपना पक्ष रखेंगे. सूत्रों के मुताबिक़ उमर फ़ारूक ने जेपीसी के सामने अपना पक्ष रखने का आग्रह किया था. 

उमर फ़ारूक को अपना पक्ष रखने का मौका देकर एक राजनीतिक संदेश देने की भी कोशिश की गई है. बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी ने समाज के अलग अलग वर्गों से व्यापक चर्चा करने की कोशिश की है. ऐसे में अलगाववादी नेता उमर फ़ारूक को बुलाकर ये संदेश भी दिया जा रहा है कि कमिटी हर तरह के पक्ष को सुनने के लिए तैयार है और उसके बाद ही कमिटी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. हालांकि, वक़्फ़ बिल के प्रावधानों को लेकर उमर फ़ारूक पहले से ही विरोध करते रहे हैं. 

अबतक जेपीसी की 34 बैठक हो चुकी हैं, जिसमें क़रीब 107 घंटे चर्चा हुई है. 27 जनवरी से कमिटी बिल को लेकर अपनी रिपोर्ट के मसौदे पर क्रमवार चर्चा शुरू करेगी. माना जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ़्ते में ही जेपीसी अपनी रिपोर्ट संसद में पेश कर देगी. 

ये बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी.  बैठक 24 और 25 जनवरी दोनों दिन होगी. जेपीसी के विपक्षी सदस्यों ने बैठक टाल कर 30 और 31 जनवरी करने की मांग की थी. हालांकि, केंद्र सरकार ने इसे ख़ारिज किया था. आज की बैठक हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है.  अब तक 13 सदस्यों ने संशोधन का नोटिस दिया है. रिपोर्ट का मसौदा मिलने के बाद विपक्षी सांसद असहमति का पत्र ( note of dissent ) देने का फ़ैसला करेंगे. 

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