- जम्मू-कश्मीर के राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीन और बीजेपी के एक उम्मीदवार विजयी हुए हैं.
- उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी को मिले चार अतिरिक्त वोटों पर सवाल उठाए और संभावित क्रॉस वोटिंग की जांच की मांग की.
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी मोहम्मद, सज्जाद किचलू और गुरविंदर सिंह ओबेरॉय ने राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल की है.
जम्मू-कश्मीर में हुए राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीन उम्मीदवार और बीजेपी का एक प्रत्याशी विजयी हुई है. इसे लेकर उमर अब्दुल्ला बिफरे हुए हैं. दरअसल, बीजेपी के नेता सत शर्मा ने एनसी के इमरान नबी डार को हराया, उन्हें कुल 32 वोट मिले. बीजेपी के पास 28 विधायक हैं, तो उमर ने इसी पर सवाल उठाया कि उनके पास 4 और वोट कहां से आए. उमर ने एक्स पर लिखा कि @JKNC_ के सभी वोट चारों चुनावों में बरकरार रहे जैसा कि हमारे चुनाव एजेंट ने हर मतदान पर्ची देखी. हमारे किसी भी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की इसलिए सवाल उठता है कि भाजपा को 4 अतिरिक्त वोट कहां से मिले? वे कौन विधायक थे, जिन्होंने वोट देते समय गलत वरीयता संख्या डालकर जानबूझकर अपने वोट अमान्य कर दिए? क्या उनमें इतनी हिम्मत है कि वे हमें वोट देने का वादा करने के बाद भाजपा की मदद करने की बात स्वीकार करें? किस दबाव या प्रलोभन ने उन्हें यह चुनाव करने में मदद की? देखते हैं कि भाजपा की गुप्त टीम में से कोई अपनी आत्मा बेचने की बात स्वीकार करता है या नहीं!
नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी मोहम्मद रहे विजयी
बता दें कि इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी मोहम्मद विजयी रहे. 75 साल के रमजान चार बार विधायक रहे चुके हैं और पूर्व मंत्री बी हैं. वे पहली बार 1983 में कुपवाड़ा के हंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव जीते थे. उन्होंने 1987 और 1996 के विधानसभा चुनावों में भी ये सीट बरकरार रखी. 2002 में चुनाव हारे और फिर वह 2008 में विधानसभा जीत कर लौटे. लेकिन 2014 और 2024 में वह सज्जाद गनी लोन से हार गए.
सज्जाद अहमद किचलू भी जीते
दूसरे जीतने वाले प्रत्याशी रहे सज्जाद अहमद किचलू. 60 साल के सज्जाद जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक बड़े राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता बशीर अहमद किचलू पार्टी के बड़े नेता थे और उन्होंने फारूक अब्दुल्ला सरकार में अहम पद संभाले थे. बशीर अहमद किचलू की 2001 में मौत हो गई थी. वह सामाजिक कल्याण मंत्री थे. ऐसे में सज्जाद ने चुनावी राजनीति में कदम रखा और 2002 के चुनाव में किश्तवाड़ सीट जीत ली. उन्होंने 2008 के चुनाव में भी ये सीट बरकरार रखी, हालांकि सज्जाद अहमद किचलू 2014 और 2024 के विधानसभा चुनावों में हार गए. वह 2015 में जम्मू-कश्मीर विधानपरिषद के लिए निर्वाचित हुए.
नेशनल कांफ्रेंस के कोषाध्यक्ष गुरविंदर सिंह ओबेरॉय ने भी जीत हासिल की
नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीसरे जीतने वाले प्रत्याशी गुरविंदर सिंह ओबेरॉय (नेशनल कांफ्रेंस) जम्मू और कश्मीर के पहले सिख सांसद हैं. उन्हें शम्मी ओबेरॉय के नाम से भी जाता है. अभी वह नेशनल कांफ्रेंस के कोषाध्यक्ष हैं. गुरविंदर सिंह ओबेरॉय पार्टी के दिवंगत नेता और विधानपरिषद सदस्य रहे धर्मवीर सिंह ओबेरॉय के बेटे हैं. उनके पिता 1999 में उमर अब्दुल्ला के संसदीय चुनाव के दौरान उनके मुख्य पोलिंग एजेंट भी थे. देवेंद्र सिंह राणा के अक्टूबर 2021 में पार्टी छोड़ने के बाद शम्मी ओबेरॉय नेशनल कांफ्रेंस में प्रमुखता से उभरे. उन्होंने राज्यसभा चुनाव के लिए पीडीपी और कांग्रेस का समर्थन हासिल करने में अहम भूमिका निभाई. उन्हें पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दोनों का खास करीबी माना जाता है. मार्च 2017 में उन्हें पार्टी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
चौथे जीतने वाले प्रत्याशी हैं बीजेपी के सत शर्मा
चौथे जीतने वाले प्रत्याशी हैं बीजेपी के सत शर्मा. बीजेपी की जम्मू और कश्मीर इकाई के अध्यक्ष 64 वर्षीय सत शर्मा, पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. उन्हें पिछले साल केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. यह प्रदेश भाजपा प्रमुख के तौर पर उनका दूसरा कार्यकाल है. वह 2015 से 2018 तक यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. शर्मा पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में दो महीने तक मंत्री रहे थे. उन्होंने 2014 का विधानसभा चुनाव जम्मू पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर जीता था. हालांकि, उनकी पार्टी के 29 सीट जीतने के बावजूद, वह 2024 का विधानसभा चुनाव हार गए. (इनपुट्स भाषा से भी)













