तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन युवाओं से क्यों करने लगे अधिक बच्चा पैदा करने की मांग

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व केंद्रीय मंत्री जी के वासन के नेतृत्व वाली पार्टी तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) ने कहा कि वह बैठक में भाग नहीं लेगी.

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने युवाओं को शादी के तुरंत बाद बच्चे पैदा करने की सलाह दी और कहा कि अधिक जनसंख्या अधिक संसदीय सीटें पाने का मानदंड प्रतीत होती है. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष स्टालिन ने एक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कई साल पहले नवविवाहितों को सलाह दी जाती थी कि वे शादी के तुरंत बाद बच्चे पैदा न करें.

स्टालिन ने क्या कहा

स्टालिन ने कहा कि हालांकि, अब यह सलाह नहीं दी जानी चाहिए और इसकी कोई जरूरत भी नहीं है. स्टालिन ने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि अब ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि अधिक जनसंख्या होने पर ही अधिक सांसद सुनिश्चित होंगे, क्योंकि परिसीमन की प्रक्रिया जनसंख्या के आधार पर होगी. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान दिया और इसमें सफल रहा लेकिन अब राज्य इसका परिणाम भुगत रहा है. उन्होंने दूल्हा-दुल्हन से अपील करते हुए कहा, ‘‘मैं आपसे यह नहीं कहूंगा कि आप जल्दबाजी में बच्चे पैदा न करें, बल्कि तुरंत बच्चे पैदा करें; और उन्हें सुंदर तमिल नाम दें.''

स्टालिन ने एक तमिल कहावत का जिक्र करते हुए 21 अक्टूबर 2024 को कहा था कि लोकसभा परिसीमन की कवायद लोगों को ‘‘16 बच्चों'' के पालन-पोषण के बारे में सोचने पर मजबूर कर सकती है.

पिछले वर्ष, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने राज्य के लोगों से अधिक बच्चे पैदा करने का आग्रह किया था. उन्होंने लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर नयी नीतियां बनाने की बात की थी.

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नायडू ने यह भी कहा था कि कोई व्यक्ति सरपंच, नगर पार्षद या महापौर तभी बन सकता है जब उसके दो से ज़्यादा बच्चे हों. गिरती जन्म दर पर चिंता जताते हुए नायडू ने कहा था कि भारत को दक्षिण कोरिया और जापान जैसे दूसरे देशों द्वारा की गई गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए, जहां जन्म दर में भारी गिरावट आई है.

स्टालिन ने कहा कि परिसीमन का सवाल तमिलनाडु के अधिकारों और उसके हितों की रक्षा से जुड़ा है, इसलिए इस मामले का राजनीतिक मूल्यांकन नहीं किया जाना चाहिए. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार त्रि-भाषा नीति को दबाव के तहत लागू करने की योजना बना रही है और इसी तरह परिसीमन कवायद में वह तमिलनाडु के लिए सीटों की संख्या में कटौती करने का प्रयास कर रही है.

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इस पृष्ठभूमि में प्रस्तावित परिसीमन कवायद पर पांच मार्च को एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जा रही है और 40 में से अधिकतर दलों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. कुछ दलों ने कहा है कि वे इसमें भाग नहीं लेंगे. मुख्यमंत्री ने ऐसे दलों से अपील की है कि वे इस मुद्दे को राजनीति के चश्मे से न देखें.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व केंद्रीय मंत्री जी के वासन के नेतृत्व वाली पार्टी तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार) ने कहा कि वह बैठक में भाग नहीं लेगी. स्टालिन ने कहा, ‘‘मैं उनसे अपील करना चाहूंगा कि कृपया इस पर विचार करें. यह द्रमुक और आपकी पार्टी के बीच का मुद्दा नहीं है.'' उन्होंने अपील की कि यह मुद्दा तमिलनाडु और उसके हितों एवं अधिकारों के बारे में है. स्टालिन ने कहा कि, इसलिए जिन दलों ने घोषणा की है कि वे भाग नहीं लेंगे, उन्हें भी इसमें भाग लेना चाहिए.

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