संसद के शीतकालीन सत्र के बीच सदन में एक तरफ जहां हंगामा बुधवार को भी जारी रहा वहीं दूसरी तरफ संसद भवन में बने पीएम कार्यालय में शरद पवार की मौजूदगी को लेकर एक बार फिर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं. दअरसल, अलग-अलग तरह की अटकलें लगाए जाने की वजह थी पीएम मोदी से उनकी मुलाकात. जैसे ही ये जानकारी निकलकर सामने आई की शरद पवार पीएम मोदी से मुलाकात करने आए हैं, वैसे ही तरह-तरह के कयास लगाए जाने का दौर सा शुरू हो गया. हालांकि, कुछ देर बाद ही शरद पवार ने ये साफ कर दिया है कि पीएम मोदी की उनकी इस मुलाकात को किसी भी तरह से राजनीति से जोड़कर ना देखा जाए. उन्होंने बताया कि वह पीएम मोदी को एक कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए आए थे. और ये मुलाकात भी उसी संदर्भ में थी.
महाराष्ट्र चुनाव के बाद पहली बार पीएम मोदी से मिले शरद पवार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह पहला मौका था जब शरद पवार पीएम मोदी से मिलने पहुंचे थे. आपको बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठबंधन को बंपर जीत मिली थी वहीं महाविकास अघाड़ी गठबंधन को महाराष्ट्र की जनता ने सिरे से नकार दिया था.शरद पवार ने उस चुनाव में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को जीताने की हर संभव कोशिश की थी लेकिन जनता को कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार औऱ शिवसेना (उद्धव गुट) का यह साथ पसंद नहीं आया था.
किसानों को साथ लेकर मिलने पहुंचे थे शरद पवार
शरद पवार पीएम मोदी से मिलने अकेले ही नहीं गए थे. उनके साथ सतारा और फल्टन के अनार किसान भी उनके साथ थे. इस मुलाकात के दौरान शरद पवार ने पीएम मोदी को अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में आने का निमंत्रण दिया है. आपको बता दें कि शरद पवार इस सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष हैं. लिहाजा इस पद पर होने की वजह से वह खुद पीएम मोदी को निमंत्रण देने आए.