बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उनके पनवेल फार्महाउस के पड़ोसी केतन कक्कड़ द्वारा सोशल मीडिया पर उनके बारे में अपलोड किए गए वीडियो न केवल उनकी मानहानि कर रहा था बल्कि ये सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भी थे. न्यायमूर्ति सी वी भडांग की एकल पीठ सलमान खान द्वारा मार्च 2022 के एक दीवानी अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने कक्कड़ के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में राहत देने से इनकार कर दिया था.
केतन कक्कड़ ने सलमान खान की पनवेल फार्महाउस पर कथित गतिविधियों के सिलसिले में एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. इसी वीडियो को लेकर सलमान खान ने मुकदमा दायर किया गया था.
सलमान खान ने अदालत से कक्कड़ को इस डिफेमेटरी वीडियो को हटाने और इस तरह की और टिप्पणी करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की थी.
जब दीवानी अदालत ने इस तरह के आदेश को पारित करने से इनकार कर दिया, तो अभिनेता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. शुक्रवार को सलमान खान के वकील रवि कदम ने तर्क दिया कि दीवानी अदालत ने निषेधाज्ञा से इनकार करते हुए अपने आदेश में गलती की थी.
कदम ने कहा, "कक्कड़ द्वारा अपलोड किए गए वीडियो पूरी तरह से काल्पनिक हैं. वे न केवल डिफेमेटरी थे, बल्कि दर्शकों को सलमान खान के खिलाफ सांप्रदायिक रूप से भड़काने वाले भी थे."
वीडियो की स्क्रिप्ट पढ़ते हुए, श्री कदम ने कहा कि सलमान खान के पड़ोसी, केतन कक्कड़ ने इस बारे में बात की थी कि सलमान खान, जो एक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य हैं, एक गणेश मंदिर (अपने फार्महाउस के पास पनवेल में) को हड़पने की कोशिश कर रहे थे.
"वीडियो में, प्रतिवादी (कक्कड़) सलमान खान की तुलना बाबर और औरंगजेब से करता है. वह (कक्कड़) कहता है कि अयोध्या मंदिर (मंदिर) को बनने में 500 साल लग गए थे और यहां सलमान खान एक गणेश मंदिर को बंद करने की कोशिश कर रहे हैं." कदम ने कहा.
वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया, "इन वीडियो को लाखों दर्शकों द्वारा देखा जाता है. यह स्पष्ट रूप से दर्शकों को सलमान के खिलाफ भड़का रहा है. वीडियो ने सब कुछ सांप्रदायिक बना दिया है और इसे हिंदू बनाम मुस्लिम बना दिया है."
उन्होंने कहा कि कक्कड़ ने कई टिप्पणियां भी कीं और आरोप लगाया कि सलमान खान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गिरोह का सदस्य था. कदम ने कहा, "कक्कड़ ने आरोप लगाया है कि सलमान अपने फार्महाउस से नशीले पदार्थों की तस्करी, अंगों की तस्करी और बच्चों की तस्करी का धंधा चला रहे हैं."
मामले में संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तारीख तय की है. केतन कक्कड़ ने अपने अधिवक्ता आभा सिंह और आदित्य सिंह के जरिए निचली अदालत में दावा किया था कि अभिनेता ने अपनी जमीन छोड़ने के लिए दबाव बनाने के लिए मानहानि का मुकदमा दायर किया था.