वर्ष 2026 में होने वाले G20 की बैठक की मेजबानी के लिए अमेरिका को तरजीह देने पर चीन ने अपना कड़ा ऐतराज जताया है. इस चर्चा की जानकारी रखने वाले चार लोगों ने बताया कि चीन ने शनिवार को कहा कि इसकी मेजबानी की घोषणा अभी से ही कर देना कहीं से उचित नहीं है. G20 के सदस्य विश्व नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन सहित समूह की अपनी अध्यक्षता बदलते रहते हैं, और अमेरिका ने कहा है कि वह भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में इसके सफल आयोजन के बाद इसका आयोजन कराएगा.
चीन की आपत्ति है कि रूस द्वारा समर्थित, एक व्यक्ति के अनुसार - ज्यादातर प्रतीकात्मक है क्योंकि इसकी संभावना नहीं है कि फैसला पलट दिया जाएगा. लोगों ने नाम न बताने को कहा क्योंकि भारत में मौजूदा जी20 सम्मेलन में हुई चर्चाएं निजी हैं. बता दें कि चीन की इस प्रतिक्रिया के बारे में सबसे पहले फाइनानशियल टाइम्स ने रिपोर्ट किया था.
उस सम्मेलन के दौरान अमेरिका और चीन के बीच ताइवान से प्रौद्योगिकी निर्यात के मुद्दे को लेकर आपसी गतिरोध हो गया था. जिसकी वजह से यह सम्मेलन उतना सफल नहीं माना गया. बता दें कि इस बार दिल्ली में हो रहे सम्मेलन में ना तो चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ना ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन शामिल हो रहे हैं.
बता दें कि G20 को क्षेत्रीय उप-समूहों में विभाजित किया गया है, जिनके सदस्य तय करते हैं कि शिखर सम्मेलन की मेजबानी कौन करेगा. अमेरिका कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब के साथ एक समूह में है. व्हाइट हाउस ने चीन की प्रतिक्रिया पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है.
शनिवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए, अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने बताया कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका - "ब्रिक्स समूह के तीन लोकतांत्रिक सदस्य" जिसमें चीन और रूस भी शामिल हैं - में G20 की दो बैठकें होनी हैं.