कौन हैं केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी, जो लखीमपुर खीरी से उठे सियासी बवंडर से सुर्खियों में छाये 

अजय मिश्रा लखीमपुर खीरी के निघासन इलाके से ताल्लुक रखते हैं और वो भी एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. संपन्न किसान कारोबारी परिवार के अजय मिश्रा ने जिला पंचायत सदस्य के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Ajay Mishra ने लखीमपुर खीरी मामले में बेटे आशीष मिश्रा को लेकर दी सफाई
नई दिल्ली:

यूपी के लखीमपुर खीरी जिले (Lakhimpur Kheri) में किसानों को कार से कुचलने के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा का नाम आना बड़ा सियासी घटनाक्रम बन गया है. आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों पर यूपी पुलिस ने हत्या और कई अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है. विपक्षी दलों ने केंद्र और यूपी सरकार को घेरते हुए अजय मिश्रा के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफे की मांग की है. अजय मिश्रा का क्षेत्र में काफी प्रभाव है और इसी को देखते हुए कुछ महीनों पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें जगह दी गई. उन्हें जितिन प्रसाद की तरह ही यूपी में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पेश करने की कोशिश की गई है. आइए जानते हैं कि अजय मिश्रा कैसे सियासी पायदान पर तेजी से चढ़ते चले गए.

Exclusive: मैं हिरासत में और मंत्री का बेटा आजाद : NDTV से बोलीं प्रियंका गांधी

किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं टेनी
अजय मिश्रा लखीमपुर खीरी के निघासन इलाके से ताल्लुक रखते हैं और वो भी एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. संपन्न किसान कारोबारी परिवार के अजय मिश्रा ने जिला पंचायत सदस्य के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था, लेकिन बेहद कम वक्त में वो यूपी के तराई क्षेत्र में बड़ी सियासी शख्सियत बनकर उभरे. 

लखीमपुर खीरी में इंटरनेट बंद, धारा 144 लागू, डीएनडी टोल प्लाजा जाम

तराई की सियासत में दबदबा
अजय मिश्रा की लखीमपुर खीरी, सीतापुर और आसपास के जिलों में अच्छा खासा प्रभाव है. लखीमपुर क्षेत्र में महाराज नाम से मशहूर सियासी दंगल में पैठ जमाने के लिए के पहले धाकड़ पहलवानों की तरह कुश्ती में दांव आजमाते थे. 

Advertisement

निघासन सीट से जीते थे विधानसभा चुनाव
अजय मिश्रा वर्ष 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में निघासन सीट से बीजेपी के ही टिकट पर जीतकर विधायक बने. हालांकि तब सपा सरकार बनी. मगर मिश्रा का दबदबा बढ़ता चला गया. लखीमपुर खीरी में जब लोकसभा चुनाव हुआ तो बीजेपी ने उन्हीं पर भरोसा किया वो खरे उतरे.  टेनी करीब 3 लाख के भारी मतों से इलाके से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.मिश्रा का नाम हत्या के केस से भी जुड़ा था, लेकिन बाद वो अदालत से बरी हो गए.

Advertisement

भारी मतों से जीतकर लोकसभा पहुंचे 
लोकसभा चुनाव 2019 में भी अजय मिश्रा को लखीमपुर खीरी सीट से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया. इस बार भी मिश्रा की जीत का आंकड़ा दो लाख से ऊपर रहा. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले ब्राह्मण चेहरों को तरजीह देने की कवायद में जुटी बीजेपी ने टेनी का बड़ा ओहदा दिया. मोदी कैबिनेट में अजय मिश्रा को मंत्री बनाया गया और महत्वपूर्ण गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई.

Advertisement

बेटा भी सियासत में सक्रिय
अजय मिश्रा की तरह उनके बेटे भी क्षेत्रीय राजनीति में बेहद सक्रिय हैं. यूपी विधानसभा चुनाव में वो अपने पिता की परंपरागत निघासन सीट से सियासी किस्मत आजमाने की सोच रहे हैं. हालांकि मौजूदा विवाद के बाद उन्हें टिकट मिल पाएगा या नहीं, यह बड़ी बात होगी.

Advertisement

अजय मिश्रा टेनी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दी सफाई

Featured Video Of The Day
Jaipur CNG Tanker Blast: 2 दिन में 3 राज्यों में 3 बड़े हादसे | Bus Fire News