कांवड़ से पहले मुजफ्फरनगर के पंडित जी वैष्णो ढाबे में हंगामा, जानें कौन हैं स्वामी यशवीर महाराज?

स्वामी यशवीर महाराज ने ही सबसे पहले मुजफ्फरनगर में कांवड़ मार्ग पर बनी दुकानों, ढाबों पर नेमप्लेट लगाने की मांग उठाई थी. मुजफ्फरनगर से करीब 15 किलोमीटर दूर बघरा गांव में उनका योग साधना यशवीर आश्रम है.

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  • मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा से पहले दुकानदारों की पहचान को लेकर विवाद हुआ.
  • स्वामी यशवीर महाराज ने कांवड़ मार्ग के लिए लोगों की टीम बनाई है.
  • स्वामी यशवीर ने होटल मालिक को ढाबे का नाम बदलने की चेतावनी दी है.
  • स्वामी यशवीर ने मुजफ्फरनगर में नेमप्लेट लगाने का आह्वान किया था.
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नई दिल्ली:

कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर में दुकानदारों की पहचान को लेकर शनिवार को विवाद हो गया. कुछ लोग दिल्ली-देहरादून हाइवे पर स्थित पंडित जी ढाबे पर पहुंचे. वहां काम करने वाले कर्मचारियों से आधार कार्ड मांगे. नहीं दिए तो ढाबे पर लगा बारकोड स्कैन किया. उसमें मालिक का नाम मुस्लिम समुदाय का निकला. आरोप है कि इसके बाद उन लोगों ने कर्मचारियों को कमरे में ले जाकर पहचान करने की कोशिश की. इस पर हंगामा हो गया. पुलिस के दखल से मामला शांत हुआ. 

'कांवड़ मार्ग पर 5 हजार लोगों की टीम'

दावा किया जा रहा है कि मुजफ्फरनगर में स्वामी यशवीर महाराज ने कांवड़ मार्ग पर 5000 लोगों की अपनी टीम लगाई है, जो रास्ते में पड़ने वाले होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट और दुकानों पर जाकर दुकानदारों की पहचान करेगी. इसी अभियान के तहत शनिवार को एक टीम पंडित जी वैष्णो ढाबे पर पहुंची थी. टीम के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस ढाबे का मालिक मुस्लिम है और होटल पर मुस्लिम कर्मचारी काम भी करते हैं, जो अपनी पहचान छिपाकर हिंदू नाम से ढाबा चला रहे हैं. 

कौन हैं स्वामी यशवीर महाराज?

स्वामी यशवीर महाराज ने खुद मौके पर पहुंचकर होटल मालिक को चेतावनी दी कि वह 24 घंटे में या तो अपने ढाबे का नाम बदल दें वरना ढाबे के बाहर सुबह 10 बजे से धरना शुरू कर दिया जाएगा. धरना तब तक चलेगा जब तक कि वो ढाबे का नाम नहीं बदल लेते. इस पूरे मामले में स्वामी यशवीर महाराज का नाम आया है. 

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योग साधना यशवीर आश्रम

स्वामी यशवीर महाराज का मुजफ्फरनगर से करीब 15 किलोमीटर दूर बघरा गांव में योग आश्रम है. इसका नाम योग साधना यशवीर आश्रम है. बीबीसी के मुताबिक, स्वामी यशवीर का जन्म मुजफ्फरनगर के ही जाट परिवार में हुआ है. संन्यासी बनकर बघरा गांव में आश्रम बनाने से पहले वह हरियाणा में कई जगहों पर रहे और योग सीखा.

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2015 में जेल गए, रासुका लगी

स्वामी यशवीर 2015 में पैगंबर पर विवादित टिप्पणी करके चर्चा में आए थे. धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में वह करीब साढ़े सात महीने जेल में भी रहे. उस समय की सपा सरकार ने उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई कर दी थी. अगस्त 2016 में रासुका हटने पर उन्हें जमानत मिली.

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कांवड़ मार्ग पर नेमप्लेट लगाने की मांग उठाई

2023 में स्वामी यशवीर ने मुजफ्फरनगर में हिंदू नामों से चल रहे ढाबों और होटलों के मुसलमान मालिकों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था. उनका कहना है कि वह मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि हिंदू धर्म की शुद्धता और पवित्रता के लिए आंदोलन करते हैं. उन्होंने ही सबसे पहले कांवड़ मार्ग पर बनी दुकानों, ढाबों पर नेमप्लेट लगाने की मांग उठाई थी. 

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