कौन है नेविल रॉय सिंघम : भारत में चीन की प्रचार सामग्री फैलाने का आरोपी

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बताया जाता है कि चीनी सरकारी मीडिया मशीनरी से नेविल रॉय सिंघम के गहरे ताल्लुकात हैं...
नई दिल्ली:

आईटी कन्सल्टिंग कंपनी 'थॉटवर्क्स' (ThoughtWorks) के संस्थापक नेविल रॉय सिंघम (Neville Roy Singham) अमेरिकी करोड़पति हैं, जिन पर भारत और अन्य देशों में चीनी प्रचार सामग्री का प्रसार करने या फैलाने का आरोप है.

नेविल रॉय सिंघम के बारे में 5 खास तथ्य...
  1. 'न्यू यॉर्क टाइम्स' (New York Times) की एक रिपोर्ट का आरोप है कि भारतीय समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक उस ग्लोबल नेटवर्क का हिस्सा है, जो अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से फंडिंग हासिल करता है.
  2. बताया जाता है कि चीनी सरकारी मीडिया मशीनरी से नेविल रॉय सिंघम के गहरे ताल्लुकात हैं. इन ख़बरों ने 'न्यूज़क्लिक' को फिर सुर्खियों में ला दिया है, जिसके ख़िलाफ़ फिलहाल कथित मनी लॉन्डरिंग और विदेशी फंडिंग उल्लंघनों के सिलसिले में तफ़्तीश चल रही है.
  3. 'न्यू यॉर्क टाइम्स' के अनुसार, नेविल रॉय सिंघम श्रीलंकाई राजनीति विज्ञानी और इतिहासकार आर्किबाल्ड विक्रमराज सिंघम के पुत्र हैं, जो अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क की सिटी यूनिवर्सिटी के ब्रुकलिन कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर थे.
  4. अब चीन के शंघाई में रहने वाले नेविल रॉय सिंघम का वित्तीय नेटवर्क चीनी प्रचार सामग्री का प्रसार करता है, और यह नेटवर्क दुनिया के कोने-कोने में, यानी शिकागो से शंघाई तक फैला हुआ है. 'न्यू यॉर्क टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेविल रॉय सिंघम ने भारत में एक न्यूज़ वेबसाइट को भी फंड किया, जिसकी कवरेज में चीन सरकार के बयानों को प्रसारित किया गया. इस वेबसाइट पर बाद में दिल्ली पुलिस ने छापा भी मारा था.
  5. 'न्यू यॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि नेविल रॉय सिंघम अमेरिका के कई चैरिटी और गैर-लाभकारी समूहों से जुड़े हैं, जो उनके एजेंडे को बढ़ावा देते हैं. इन प्रोपेगंडा समूहों को अमेरिका की उन गैर-लाभकारी संस्थाओं के ज़रिये फंड किया जाता है, जिन्हें दान के तौर पर कम से कम 27.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹2287.67 करोड़) हासिल हुए हैं.
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