केमिकल इंजीनियर से राधा स्वामी सत्संग ब्यास के 'हुजूर' बनने तक, जसदीप सिंह गिल के बारे में जानिए

आरएसएसबी सचिव देवेंद्र कुमार सिकरी ने सोमवार को एक बयान में कहा, "बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के बेटे जसदीप सिंह गिल (Jasdeep Singh Gill) को दो सितंबर, 2024 से तत्काल प्रभाव से राधास्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी का संरक्षक मनोनीत किया है."

Advertisement
Read Time: 3 mins
दिल्ली:

जसदीप सिंह गिल को सोमवार को तत्काल प्रभाव से डेरा राधास्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) का आध्यात्मिक प्रमुख नामित किया गया. डेरा प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने उनके नाम का ऐलान किया. डेरा के एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, " कुछ समय से शहर से बाहर रहे बाबाजी कल डेरा ब्यास लौटे. आज सुबह उन्होंने डेरा सचिव और क्षेत्रीय प्रमुखों समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई, जहां उनके उत्तराधिकारी के नाम का ऐलान किया गया." ढिल्लों के जब उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह बिल्कुल ठीक हैं. राधास्वामी सत्संग ब्यास के नए प्रमुख जसदीप सिंह गिल (RSSB Gasdeep Singh Gill) के बारे में जानिए.

कौन हैं जसदीप सिंह गिल?

45 साल के जसदीप सिंह गिल ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया और फिर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की. वह आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं. उन्होंने दिल्ली से बायोकेमिकल इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन और मास्टर्स की डिग्री ली.

  • गिल सिपला (इंडिया) में मुख्य रणनीति अधिकारी और वरिष्ठ प्रबंधन कार्मिक (CEO) भी रह चुके हैं.
  • उन्होंने साल 2019 में सिपला जॉइन की थी और इसी साल 31 मई को पद से इस्तीफा दे दिया.
  • वह 2024 तक वेल्थी थेरेप्यूटिक्स के सदस्य रहे.
  • इससे पहले वह रेनबैक्सी में सीईओ के कार्यकारी सहायक रहे.
  • वह कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के एंटरप्रेन्योर्स में अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं.
  • जसदीप सिंग गिल की पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं. 

जसदीप सिंह गिल RSSB के नए 'हुजूर'

जसदीप सिंह गिल का परिवार लंबे समय से डेरा से जुड़ा हुआ है. उनका परिवार 1998 से डेरा ब्यास से जुड़ा है. उनके पिता सुखदेव सिंह सेना से रिटायर्ड हैं. वह सेना में इंजीनियर के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं. वर्तमान सतगुरु गुरिंदर सिंग ढिल्लो ने सिर्फ गिल को ही संत सतगुरु के रूप में नामित किया है. जसदीप सिंह गिल को अब हुजूर कहा जाएगा. हालांकि सत्संग कार्यक्रम से लेकर दूसरे प्रशासनिक कामकाज की जिम्मेदारी अब भी गुरिंदर सिंह ढिल्लो के पास ही रहेगी. नए हुजूर जसदीप सिंह गिल का बायोडाटा RSSB की वेबसाइट पर अपलोट किया जा चुका है. 

Advertisement

जसदीप गिल को अब दीक्षा देने का अधिकार

आरएसएसबी सचिव देवेंद्र कुमार सिकरी ने सोमवार को एक बयान में कहा, "बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के बेटे जसदीप सिंह गिल को दो सितंबर, 2024 से तत्काल प्रभाव से राधास्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी का संरक्षक मनोनीत किया है." उन्होंने कहा कि जसदीप सिंह गिल राधास्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी के संत सतगुरु के रूप में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की जगह लेंगे. उनको दीक्षा देने का अधिकार होगा."

Advertisement

अनुयायियों से बाबाजी की खास अपील

सीकरी ने कहा, "बाबा जी ने कहा है कि जिस तरह हुजूर महाराज जी के बाद उनको संगत का भरपूर सहयोग और प्यार मिला है, उसी तरह उनकी इच्छा और अनुरोध है कि जसदीप सिंह गिल को भी संरक्षक और संत सतगुरु के रूप में अपनी सेवा निभाने में वही प्यार और स्नेह दिया जाए."

Advertisement

कब हुई डेरा राधास्वामी ब्यास की स्थापना?

बता दें कि देश के साथ ही दुनियाभर में डेरा राधास्वामी को मानने वाले लोग हैं. समय-समय पर देश के शीर्ष राजनेता भी डेरा ब्यास जाते रहते हैं. भारत में डेरा राधास्वामी सत्संग की स्थापना 1891 में हुई थी. धीरे-धीरे यह बारकी देशों में भी फैल गया. अब इसके अनुयायी दुनिया के 90 देशों में हैं. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
One Nation One Election पर बनी Ramnath Kovind Committee की Reportको कैबिनेट की मंजूरी