कौन हैं पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी? जिन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने बनाया उम्मीदवार

पूर्व जस्टिस रेड्डी ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और सामाजिक मामलों की सुनवाई की. उनकी न्यायिक शैली में स्पष्टता, संवेदनशीलता और विधिक गहराई की झलक मिलती थी. वे न्यायपालिका में संविधान की आत्मा को जीवंत रखने वाले न्यायाधीशों में गिने जाते हैं.

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  • विपक्ष ने पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया
  • बी. सुदर्शन रेड्डी ने आंध्र हाई कोर्ट, गुवाहाटी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के रूप में काम किया
  • एनडीए ने भी दक्षिण भारत के सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया
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नई दिल्ली:

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के सीपी राधाकृष्णन के नाम के ऐलान के बाद INDIA गठबंधन ने भी अपना पत्ता खोल दिया है. विपक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार नामित किया गया है. विपक्ष के इस दांव से उपराष्ट्रपति पद का चुनाव दिलचस्प हो गया है क्योंकि वो भी दक्षिण भारत से ही ताल्लुक रखते हैं. इससे पहले एनडीए ने भी दक्षिण भारत के ही सीपी राधाकृष्ण को अपना उम्मीदवार बनाया है, तभी से कयास लगने लगे थे कि इस बार उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में दक्षिण बनाम दक्षिण की लड़ाई होगी.

कौन हैं पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी

बी. सुदर्शन रेड्डी भारत की न्यायपालिका के नाम ऐसे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न्याय, निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों को सर्वोपरि रखा. पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी ने जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक न्यायिक सेवा में अपनी अमिट छाप छोड़ी. बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को हुआ. उन्होंने बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की और 27 दिसंबर 1971 को आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रजिस्टर हुए.

उन्होंने हाई कोर्ट में रिट और सिविल मामलों में वकालत की. साल 1988 से 1990 तक उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में कार्य किया. इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी छह महीने सेवा दी. इसके अलावा वे उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील भी रहे.

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न्यायिक पदों पर नियुक्तियां

  • 2 मई 1995 को उन्हें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया
  • 5 दिसंबर 2005 को वे गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने
  • 12 जनवरी 2007 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया
  • उन्होंने 8 जुलाई 2011 को सेवानिवृत्त होकर न्यायिक सेवा से विदाई ली

पूर्व जस्टिस की दावेदारी पर क्या बोले खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए पूर्व जस्टिस के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि रेड्डी भारत के सबसे सम्मानित कानूनविदों में से एक हैं, जिन्होंने गुवाहाटी और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के रूप में सेवा देने के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है. खरगे ने इस चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बताया, वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सुदर्शन रेड्डी ने हमेशा अपने मूल्यों के लिए संघर्ष किया है. रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे.

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