पंजाब में गुरुवार को 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला में जमकर बवाल किया. उन्होंने थाने पर भी हमला कर दिया. इन लोगों के हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं. ये लोग 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. अमृतपाल सिंह एक स्वयंभू धार्मिक उपदेशक है जो खालिस्तान को लेकर सहानुभूति रखता है.
दुबई से लौटा अमृतपाल सिंह अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन ‘वारिस पंजाब दे' का प्रमुख है. सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. अमृतपाल सिंह दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बना था. अमृतपाल सिंह पर ख़ुफ़िया एजेंसियों की नज़रें हैं. उस पर खालिस्तानी आंदोलन को हवा देने का भी आरोप है. अमृतपाल ने इशारों में गृह मंत्री को भी धमकी दी थी. उसने कहा था, इंदिरा गांधी ने हमें दबाने की कोशिश की थी, क्या हश्र हुआ?
अमृतसर के अजनाला में अमृतपाल सिंह के समर्थक प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए और थाने में घुस गई. इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हुए. अमृतपाल सिंह की चेतावनी के बाद पुलिस कमिश्नर ने कहा कि लवप्रीत तूफ़ान सिंह को छोड़ा जा रहा है. उसके समर्थकों ने उसकी बेगुनाही के पर्याप्त
सबूत दिए हैं. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जा रहा है.
इससे पहले अमृतपाल सिंह ने कहा कि, "एफआईआर केवल एक राजनीतिक मकसद से दर्ज की गई. यदि वे एक घंटे में मामले को रद्द नहीं करते हैं, तो आगे जो कुछ भी होगा उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा ... उन्हें लगता है कि हम कुछ नहीं कर सकते, इसलिए यह शक्ति प्रदर्शन आवश्यक था."
अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के निवासी वरिंदर सिंह के कथित अपहरण और उससे मारपीट के लिए मामला दर्ज किया गया है.