कौन है अजनाला कांड के बाद पंजाब पुलिस के रडार पर आया अमृतपाल सिंह ? भिंडरावाले से तुलना क्यों ?

अमृतपाल को राज्य में बीते कुछ दिनों से जरनैल सिंह भिंडरावाले 2.0 भी कहा जा रहा है. कारण यह कि वो भी उनकी ही तरह सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है.

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सूत्रों का कहना है कि जी-20 के कारण सरकार ने अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई करने का इंतजार किया. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक और "वारिस पंजाब दे" के प्रमुख अमृतपाल सिंह को शनिवार को पंजाब की सात जिलों की पुलिस ने घेर लिया है. अजनाला कांड के बाद सक्रियता से कट्टरपंथी नेता की गिरफ्तारी के लिए जुगत कर रही पुलिस ने जालंधर के शाहकोट के गांव महेतपुर के पास उन्हें और उनके साथियों घेर लिया है. पुलिस को अमृतपाल सिंह के साहाकोट आने की पहले से सूचना थी. ऐसे में पहले से ही मोगा पुलिस ने मोगा और शाहकोट के सारे रोड बंद करके बड़ा नाका लगा दिया था. 

खबर है कि पुलिस ने उसके छह साथियों को पकड़ लिया है. ऐहतियातन, पंजाब के कई इलाकों में कल रात 12 बजे से ही इंटरनेट को बंद कर दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि जी-20 के कारण सरकार ने अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई करने का इंतजार किया.

बता दें कि अमृतपाल को राज्य में बीते कुछ दिनों से जरनैल सिंह भिंडरावाले 2.0 भी कहा जा रहा है. कारण यह कि वो भी उनकी ही तरह सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है. 1980 में भिंडरा वाले ने भी सिखों के लिए उक्त मांग उठाई थी, जिससे राज्य भर में खलबली मच गई थी. सिंह भिंडरावाले के तरह भारी पगड़ी बांधता है और भड़काऊ भाषण देता है, जो युवाओं में जोश भर देता है. 

बता दें कि भड़काऊ भाषण देने के साथ ही अमृतपाल में राजनीतिक समझ भी है. इसका प्रमाण मिलता है उसके कार्यक्रम के लिए चुनी गई जगह से. बीचे साल 29 सितंबर को 'वारिस दे पंजाब' के पहले वर्षगांठ पर मोगा जिले के रोडे गांव में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसी कार्यक्रम के दौरान अमृतपाल को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 

माना जाता है कि जगह का चयन काफी रणनीतिक था क्योंकि रोडे भिंडरावाले का पैतृक गांव था. वो भी उनकी तरह नीली पगड़ी पहनता है और अपने पास छोटी कृपाण रखता है. मालूम हो कि 'वारिस दे पंजाब' संगठन को एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिध्दू ने बनाया था. लेकिन 15 फरवरी, 2022 को सड़क हादसे में उसकी मौत के बाद कुछ ही महीने पहले दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संगठन की जिम्मेदारी संभाली. उसने संगठन की वेबसाइट बनाई और लोगों को उससे जोड़ना शुरू कर दिया. 

अमृतपाल मूलतः पंजाब के जल्लूपुर गांव का रहनेवाला है और उसने 12वीं तक की पढ़ाई की है. उसकी पढ़ाई गांव के है स्कूल में हुई है. साल 2012 में वो दुबई चला गया था, जहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर संबंधी दुबई में ही रहते हैं. उसका नाम पिछले साल पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में सामने आया था. पीड़ित परिजनों ने पूरे मामले में अमृतपाल का भी नाम जोड़ने की पुलिस से गुहार लगाई थी. ऐसे में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे सिंगावाला गांव में नजरबंद कर दिया था.  

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30 साल का अमृतपाल सिंह शादीशुदा है. उसने  इसी साल 10 फरवरी को अपने पैतृक गांव में एक सादे समारोह में ब्रिटेन की रहने वाली एनआरआई लड़की किरणदीप से शादी की. आनंद कारज में दोनों परिवारों के लोग शामिल हुए. किरणदीप मूल रूप से जालंधर के कुलारां गांव की हैं, लेकिन कुछ समय पहले उनका परिवार इंग्लैंड में बस गया था. 

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