विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भारत बायोटेक के कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग के लिए मंजूरी मिलने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि इससे भारतीय नागरिकों को यात्रा करने में आसानी होगी और टीके की समता में भी इसका योगदान रहेगा. जयशंकर ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ''आत्मनिर्भर भारत'' के दृष्टिकोण को वैश्विक मान्यता भी है.
विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, '' कोवैक्सीन को आपात उपयोग सूची में मंजूरी प्रदान किए जाने के निर्णय का स्वागत करता हूं. यह भारतीय नागरिकों को यात्रा करने में आसानी और टीका समता में योगदान देगा.''
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन Covaxin को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी दी है. स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक ने यह वैक्सीन विकसित की है. सूत्रों ने बुधवार शाम को यह जानकारी दी. WHO की ओर से मिली इस मंजूरी के मायने यह है कि भारत में बनी इस कोरोना वैक्सीन को अब अन्य देशों में मान्यता मिल सकेगी और यह वैक्सीन लगवाने वाले भारतीयों को अब विदेशों में यात्रा के दौरान क्वारंटीन होने या प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
इमरजेंसी लिस्टिंग या EUL एक लंबी समीक्षा प्रक्रिया के बाद आती है. भारत बायोटेक ने पहले अप्रैल में मंजूरी के लिए आवेदन किया था और जुलाई में जरूरी डेट उपलब्ध कराए थे इसमें वैक्सीन की सुरक्षा, प्रभावशीलता से संबंधित जानकारियां शामिल थीं.
डब्ल्यूएचओ ईयूएल के उपयोग के लिए कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों का मूल्यांकन कर रहा है. तकनीकी परामर्शदाता समूह ने 26 अक्टूबर को टीके को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध करने के लिहाज से अंतिम ‘जोखिम-लाभ मूल्यांकन' करने के लिए कंपनी से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे.