- ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे कई वस्तुओं का निर्यात प्रभावित होगा.
- भारत से अमेरिका को सबसे ज्यादा स्मार्टफोन, फार्मा उत्पाद, टेक्सटाइल, रत्न आभूषण और ऑटो पार्ट्स जाते हैं.
- भारत का अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल 129 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ स्ट्राइक कर दी है. उन्होंने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. रूस से तेल और सैनिक साजोसामान खरीदने पर पेनल्टी भी लगाई है. ट्रंप का यह ऐलान 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले आया है. इस कदम से भारत के कौन से सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. भारत के वो कौन से टॉप-5 प्रोडक्ट हैं, जो अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं, आइए बताते हैं.
भारत 2021 से अमेरिका का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 186 अरब डॉलर तक पहुंच गया. भारत ने 86.5 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि 45.3 अरब डॉलर का आयात किया. भारत ने व्हिस्की और मोटरसाइकिलों जैसी कई वस्तुओं पर टैरिफ घटाए हैं. इसके बावजूद ट्रंप व्यापार घाटे को और भी कम करने पर जोर दे रहे हैं.
भारत आईटी और आईटी एनेबल्ड सेवाओं का एक बड़ा खिलाड़ी है. ट्रंप के इस टैरिफ अटैक से इस क्षेत्र पर सीधा असर पड़ने की संभावना नहीं है. लेकिन स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंपोनेंट्स जैसी चीजें इसके दायरे में आ सकती हैं. पिछले कुछ समय में भारत से स्मार्टफोन एक्सपोर्ट काफी तेजी से बढ़ा है. इसने पेट्रोलियम और डायमंड्स जैसी चीजों को पीछे छोड़ दिया है.
स्मार्टफोन
भारत से अमेरिका को जिन चीजों का सबसे ज्यादा निर्यात होता है, उनमें भारत में बने स्मार्टफोन सबसे अधिक हैं. एप्पल के आईफोन की अब भारत में असेंबलिंग हो रही है. भारत ने अमेरिका को आईफोन एक्सपोर्ट के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को 24.1 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए थे, जो उससे पिछले साल से 55 पर्सेंट ज्यादा हैं. ट्रंप के 25 पर्सेंट टैरिफ अटैक से यह क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है.
फार्मा उत्पाद
अमेरिका को भारत से दूसरी जो चीज सबसे अधिक जाती है, वो हैं फार्मास्यूटिकल उत्पाद. भारत से जेनरिक दवाओं और अन्य संबंधित उत्पादों को अमेरिका का वित्त वर्ष 2025 में निर्यात लगभग 10 बिलियन डॉलर का है. यह भारत के कुल फार्मा निर्यात का लगभग 31-35 फीसदी है. अगर फार्मा उत्पादों को टैरिफ बढ़ोतरी से छूट नहीं मिली तो अमेरिका में भारतीय दवाओं और अन्य उत्पादों की कमी होने से कीमतें बढ़ सकती हैं.
टेक्सटाइल
इसके बाद टेक्सटाइल का नंबर आता है. भारत ने अमेरिका को वित्त वर्ष 2025 में लगभग 10.8 बिलियन डॉलर के अपैरल एक्सपोर्ट किए थे. भारत के कुल टेक्सटाइल निर्यात के नजरिए से देखा जाए तो यह लगभग 28 फीसदी बैठता है. भारत इस मामले में अमेरिका पर काफी निर्भर है. अमेरिका अभी भारतीय टेक्सटाइल पर 10 से 12 पर्सेंट टैरिफ लगाता है. अब 25 पर्सेंट एक्स्ट्रा टैरिफ से भारतीय गारमेंट्स व्यापारियों को तगड़ा झटका लग सकता है.
रत्न और आभूषण
भारत में वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका को लगभग 12 बिलियन डॉलर के रत्न और आभूषण एक्सपोर्ट किए थे, जिसमें अमेरिका का हिस्सा लगभग 30 फीसदी थी. चूंकि इन वस्तुओं पर पहले से ही 27 फीसदी का टैरिफ है, ऐसे में अतिरिक्त 25 पर्सेंट टैरिफ लगने से व्यापार में प्रॉफिट मार्जिन बहुत बुरी तरह प्रभावित हो सकता है.
ऑटो पार्ट्स
भारत ने साल 2024 में अमेरिका को लगभग 2.2 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स और कंपोनेंट्स एक्सपोर्ट किए थे. तैयार वाहनों का निर्यात तो 10 मिलियन डॉलर का है, लेकिन कलपुर्जों का निर्यात ज्यादा है. ट्रंप के 25 पर्सेंट टैरिफ के ऐलान से इस क्षेत्र में निर्यात प्रभावित होने की आशंका है. इसका भारत के इंजीनियरिंग गुड्स सेक्टर पर भी असर पड़ सकता है, जो भारत सरकार के मेक इन इंडिया एक्सपोर्ट पहल का प्रमुख हिस्सा है.