बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृहमंत्री अमित शाह के सारण जिले में जेपी के गांव सिताब दियारा में दिए भाषण पर पलटवार किया है. उन्होंने शाम में पटना में पूछा कि जेपी आंदोलन के समय अमित शाह कहां थे. सीएम ने उनसे पूछा कि आप क्या जानते हैं, कितने साल से राजनीति में हैं. कहां के बारे में क्या जानते हैं. जरा बता दीजिए कि अपने राज्य के बारे में भी कितना जानते हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें गुजरात में 2002 से मौका मिला, जबकि जेपी आंदोलन 1974 में हुआ था. ये लोग कुछ से कुछ बोलते रहते हैं. जो मर्जी हो बोलते रहें बिना मतलब का, उसकी कोई वैल्यू नहीं है. उन्होंने पूछा कि क्या बिहार के लोगों को मालूम नहीं है, वो बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं.
सीएम नीतीश ने कहा कि जिन लोगों का आज़ादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा, वो आजकल इसका समारोह मना रहे हैं. उन्होंने लोगों से ये याद रखने की अपील की कि आख़िर बापू को किसने मारा.
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, "जेपी का नाम लेकर राजनीति में आये लोग अब पांच-पांच बार पाला बदलकर जेपी के सिद्धांतों को दरकिनार कर चुके हैं और आज सत्ता सुख के लिए उसी कांग्रेस की गोदी में बैठ गए हैं."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार के सारण जिले में जेपी के नाम से मशहूर जयप्रकाश नारायण के पैतृक गांव सिताब दियारा गए. समाजवादी नेता की 120वीं जयंती समारोह में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे. दरअसल इस गांव का आधा भाग बिहार और आधा यूपी में पड़ता है.
सिताब दियारा में जेपी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया. उसके बाद अमित शाह ने एक जनसभा को संबोधित किया. जयप्रकाश नारायण का जन्म 1902 में आज ही के दिन हुआ था. बिहार में भाजपा के सत्ता से बेदखल होने के बाद शाह का यह दूसरा बिहार दौरा था. इससे पहले उन्होंने 23 सितंबर को सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया और किशनगंज का दौरा किया था.