राजनीतिक दलों की मान्यता खत्म होने पर छिन जाते हैं ये अधिकार, मुश्किल हो जाता है चुनाव लड़ना

चुनाव आयोग के अनुसार अगर कोई राजनीतिक पार्टी 6 सालों तक चुनाव नहीं लड़ती है तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है.

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  • चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की 115 राजनीतिक पार्टियों की मान्यता रद्द कर दी है, जिससे वे चुनाव लाभ खो देंगी
  • मान्यता प्राप्त पार्टी को चुनाव चिन्ह, मुफ्त चुनाव सामग्री, और सार्वजनिक फंडिंग का अधिकार मिलता है
  • मान्यता रद्द होने पर रिजर्व चुनाव चिन्ह, चुनाव प्रचार के लिए निर्धारित समय, स्थान का अधिकार नहीं मिलेगा
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भारत में चुनाव के प्रोसेस को आसान और फेयर बनाने के लिए इलेक्शन कमीशन ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल आयोग ने यूपी की 115 राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द कर दी है. यानी पार्टियों को डीलिस्ट कर दिया गया है. इसके साथ ही ये राजनीतिक दल अब किसी भी तरह के लाभ को लेने की स्थिति में नहीं रहेंगे. इस खबर में आपको बताते हैं कि देश में अगर किसी राजनीतिक दल की मान्यता खत्म हो जाती है तो उसकों मिलने वाली कौन सी सुविधाएं वापस ले ली जाती हैं. 

क्यों चुनाव आयोग किसी पार्टी की रद्द करता है मान्यता

चुनाव आयोग के अनुसार अगर कोई राजनीतिक पार्टी 6 सालों तक चुनाव नहीं लड़ती है तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है. आयोग के पास पूरा अधिकार है कि वो इन पार्टियों को मिलने वाली सुविधाओं को खत्म कर दे. हालांकि पार्टियों को 30 दिन का अपील के लिए समय दिया जाता है. 

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