जब अमेरिकी बिजनेस के स्टोररूम में बक्से पर सोने को मजबूर हुए थे नारायण मूर्ति, जानिए क्या थी वजह?

भारतीय-अमेरिकी लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी (Chitra Banerjee Divakaruni) ने सुधा मूर्ति (Sudha Murty) और नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) के जीवन के शुरुआती वर्षों के बारे में बताते हुए एक किताब लिखी है.

विज्ञापन
Read Time: 12 mins
नारायण मूर्ति
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बनर्जी दिवाकरुणी ने लिखी है किताब
बक्से पर सोने को मजबूर हुए थे नारायण मूर्ति
पुस्तक में इसी तरह की कई अन्य बातें भी बताई गई हैं
नई दिल्ली:

इंफोसिस के शुरुआती दिनों में जब नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) एक बार किसी काम के सिलसिले में यूएस गये थे तो एक अमेरिकी व्यवसायी (American businessman) ने उन्हें अपने घर के भंडार कक्ष में एक बड़े बक्से पर सुलाया था, जबकि उनके घर में चार बेडरूम थे.

बनर्जी दिवाकरुणी ने लिखी है किताब

भारतीय-अमेरिकी लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी (Chitra Banerjee Divakaruni) ने सुधा मूर्ति (Sudha Murty) और नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) के जीवन के शुरुआती वर्षों के बारे में बताते हुए एक किताब लिखी है. इस पुस्तक में उनके बारे में ऐसी और भी कई बातें बताई गई हैं.

जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित "एन अनकॉमन लव: द अर्ली लाइफ ऑफ सुधा एंड नारायण मूर्ति" में मूर्ति दंपति के शुरुआती वर्षों के बारे में बताया गया है, जिसमें उनके प्रेमालाप से लेकर ‘इंफोसिस' की स्थापना के वर्षों तक और उनकी शादी से लेकर माता-पिता बनने तक की कहानी है.

न्यूयॉर्क स्थित कंपनी ‘डेटा बेसिक्स कॉरपोरेशन' के प्रमुख डॉन लिल्स एक तेज-मिजाज वाले क्लाइंट (ग्राहक) थे और वह मूर्ति को ज्यादा पसंद नहीं करते थे.

किताब में लिखा गया, "वह अक्सर सेवा के बदले में भुगतान करने में देरी करते थे और इस बात को लेकर मूर्ति उनके गुस्से का निशाना बन जाते थे, वह अपनी बात पर अड़े रहते थे और सेवाओं के लिए समय पर भुगतान करने से इनकार कर देते थे. जब मूर्ति और उनके इंफोसिस सहयोगियों को मैनहट्टन में उनसे मिलने जाना होता था तो डॉन उन्हें होटल बुक करने के लिए समय पर अनुमति नहीं देते थे."

किताब में यह भी लिखा है, "एक बार जब मूर्ति क्लाइंट के काम के लिए अमेरिका गए, तो डॉन ने उन्हें स्टोर रूम में एक बड़े बक्से पर सुला दिया, जो डिब्बों से घिरा हुआ था, हालांकि उनके घर में चार बेडरूम थे. इसके अलावा, डॉन ने अंतिम समय पर कई मांग रखी, जिन्हें मूर्ति को पूरा करना पड़ा."

उन्होंने अपनी नई कंपनी के खातिर डॉन के इस व्यवहार को सहन किया, लेकिन बक्से पर सुलाने वाली घटना ने वास्तव में मूर्ति को झकझोर दिया. उन्होंने पत्नी सुधा से कहा, "मेरी मां कहा करती थीं कि मेहमान भगवान के समान होता है और आप जिस तरह मेहमानों के साथ व्यवहार करते हैं उससे पता चलता है कि आप वास्तव में किस तरह के इंसान हैं."

उन्होंने पत्नी को कहा, "जब मेरे पिता जब बिना सूचना के किसी को घर पर आमंत्रित करते थे तो वह (मां) अक्सर मेहमान को अपने हाथ से बना खाना परोसती थीं और खुद बिना खाना खाए ही सो जाती थीं और डॉन यहां मुझे बिना खिड़की वाले भंडार कक्ष में एक बड़े बक्से पर सुलाकर खुद अपने शानदार बिस्तर पर नींद का आनंद ले रहा था."

Advertisement

पुस्तक में यह भी उल्लेख किया गया कि कैसे एक अच्छी इंजीनियर होने के बावजूद मूर्ति अपनी पत्नी के इन्फोसिस में शामिल होने के खिलाफ थे. पुस्तक में इसी तरह की कई अन्य बातें भी बताई गई हैं.

ये भी पढ़ें- "वो एक ऐतिहासिक दिन होगा": राम मंदिर उद्घाटन पर मुस्लिम कार सेवक

ये भी पढ़ें-  गुरुग्राम में फिर गौरक्षकों ने कई किलोमीटर पीछा कर तस्करों को पकड़ा, वीडियो वायरल

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
UP Politics: Mayawati का Akhilesh पर वार, Yogi की तारीफ | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article