नाबालिग युवती हुई गर्भवती तो MP हाई कोर्ट ने 28 हफ्ते के गर्भ को गिराने की दी अनुमति, मगर करना पड़ा संघर्ष

रेप पीड़िता की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने याचिकाकर्ता का फिर से मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रेप पीड़िता युवती को गर्भपात कराने की इजाजत दी.

भोपाल की एक 17 साल की 28 हफ्ते की गर्भवती युवती को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने गर्भपात कराने की इजाजत दे दी. पहले इसी हाईकोर्ट की एकल पीठ ने गर्भपात की इजाजत देने से युवती को इनकार कर दिया था लेकिन डबल बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए युवती को इजाजत दे दी. 

दरअसल, भोपाल की एक 17 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार हुआ था और उसने पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. दुष्कर्म के बाद वह गर्भवती हो गई. उसने गर्भ को समाप्त करने के लिए डॉक्टरों से सलाह ली लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह 24 सप्ताह की गर्भवती है और इस समय गर्भ को समाप्त करना गैरकानूनी है. 

न्याय की मांग करते हुए वह उच्च न्यायालय आई. हाई कोर्ट के आदेश पर एक मेडिकल बोर्ड ने अदालत को बताया कि युवती को 28 सप्ताह और 3 दिन का गर्भ है. तब एकल पीठ ने इस आधार पर गर्भ को समाप्त करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया कि कानून के अनुसार 24 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

रेप पीड़िता की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने याचिकाकर्ता का फिर से मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया. रिपोर्ट में कहा गया कि गर्भावस्था को जोखिमों के साथ समाप्त किया जा सकता है, लेकिन लड़की को बच्चे को जन्म देने में भी जोखिम हैं. अदालत ने डॉक्टरों की एक विशेष टीम की निगरानी में उसकी गर्भावस्था को समाप्त करने का आदेश दिया और राज्य सरकार को लड़की की उचित देखभाल करने का निर्देश दिया.

Featured Video Of The Day
Sambhal जा रहे Rahul Gandhi और Priyanka Gandhi के काफिले को Ghazipur Border पर रोका