Exclusive: मणिपुर में जो कुछ भी हो रहा, वो पिछली केंद्र सरकार की विरासत- CM बीरेन सिंह

मणिपुर के सीएम ने बताया कि आम लोग शांति स्‍थापित करने का प्रयास कर रहे. राज्‍य सरकार की ओर से भी कई प्रयास किये जा रहे हैं. गृह मंत्रालय ने शांति के लिए नई पहल की है. अमित शाह जी ने दोनों ही समुदायों को शांति की राह दिखाई है.

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मणिपुर:

उत्‍तर-पूर्व राज्‍य मणिपुर (Manipur) में अभी तक शांति कायम नहीं हो पाई है. लोगों के हाथों में अभी तक हथियार नजर आ रहे हैं. केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा मणिपुर में शांति स्‍थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. हालांकि, मणिपुर के मुख्‍यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur CM N. Biren Singh) ने NDTV को एक खास बातचीत में बताया कि संघर्ष का आयाम अब बदल गया है. अब लड़ाई उग्रवादियों और राज्य पुलिस के बीच हो रही है. हमलों के डर से लोग अभी भी लूटे गए हथियार थामे हुए हैं, हम उन्हें वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं. मणिपुर में शांति के लिए सीमा पर बाड़ लगाना, मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द करना जरूरी है. साथ ही बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर में जो कुछ भी हो रहा है, वो पिछली केंद्र सरकार की विरासत है....

सवाल- मणिपुर में शांति कब स्‍थापित होगी...? 
जवाब- मुख्‍यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा, "असल में पिछले आठ महीनों में राज्‍य में कुछ अनचाही घटनाएं (हत्‍या, आगजनी) हुई हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि लगातार 8 महीने से घटनाएं लगातार हो रही हों. इस दौरान 3 से 4 महीने कोई अनचाही घटना नहीं हुई, काफी शांति रही. लेकिन हाल ही में नए साल के अवसर पर राज्‍य पुलिस और उग्रवादियों के बीच भिड़ंत हुई, ये राज्‍य के दो समुदायों के बीच संघर्ष नहीं था. अब संघर्ष का आयाम बदल गया है, लड़ाई अब उग्रवादियों और राज्य पुलिस के बीच हो रही है. ऐसे में शांति लौट रही है और नागरिक हताहतों की संख्या कम हो गई है. 3-4 मई के बाद कोई बड़ी हिंसक घटना नहीं हुई है. अब लोग सर्तक हुए हैं, शांति बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं, फिर वो चाहे घाटी के लोग हों या पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले हमारे भाई-बहन.      

सवाल-  केंद्र व राज्‍य सरकार शांति का माहौल कायम करने के लिए क्‍या कदम उठा रही है...?
जवाब- मणिपुर के सीएम ने बताया कि आम लोग शांति स्‍थापित करने का प्रयास कर रहे. राज्‍य सरकार की ओर से भी कई प्रयास किये जा रहे हैं. गृह मंत्रालय ने शांति के लिए नई पहल की है. अमित शाह जी ने दोनों ही समुदायों को शांति की राह दिखाई है. दोनों ही समुदायों से बातचीत भी लगातार चल रही है. कई ऐसे कदम भी उठाए जा रहे हैं, जिनका खुलासा मैं अभी नहीं कर सकता हूं. पिछले 10 दिनों में हमने प्रत्‍येक विस्थापित व्‍यक्ति को 1 लाख रुपये देने का फैसला लिया है. ऐसे में हमें लगता है कि राज्‍य में शांति जल्‍द कायम होगी.  
  
सवाल- आप कह रहे हैं कि केंद्र के सहयोग से आप राज्‍य में शांति स्‍थापित करने के लिए एक रोडमैप पर काम कर रहे हैं, इसे लेकर आप काफी आशावदी भी हैं. लेकिन कुकी समुदाय नेताओं का कहना है कि वे अपनी मुख्‍य मांग 'अलग प्रशासन' पर कायम हैं. इस स्थिति से आप कैसे निपटेंगे...?
जवाब- इस पर सीएम बीरेन सिंह ने कहा, "देखिए मांग, मांग होती है. मांग अलग होती है और उसका समाधान अलग होता है. कई बार ऐसा देखा गया है कि बीच का रास्‍ता निकला है. सिविल सोसायटी और कुकी समुदायों के लोगों से हम बातचीत कर रहे हैं. फिर वे आतंकवादी नहीं हैं. वे विभिन्‍न ऑर्गेनाइजेशन से आते हैं, वे समझेंगे... मुझे यकीन है कि एक दिन वे समस्‍या के समाधान के लिए टेबल पर आएंगे. 

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सवाल- अवैध हथियार अभी भी लोगों के पास मौजूद हैं, इससे आप कैसे निपटेंगे...?
जवाब- मुख्‍यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा, "देखिए, ये जो घटना हुई, वो अचानक हुई. कोई तैयारी नहीं थी. ऐसे में लोगों ने अपने बचाव के लिए जो हुआ, वो किया. इस दौरान लोगों ने जो वैध तरीके से किया, वो तो सही है, लेकिन कुछ लोगों ने अवैध तरीके भी अपनाए. इस दौरान कुछ लोगों ने सुरक्षाबलों से हथियार छीने, इन्‍हें वापस लाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं. काफी हथियार रिकवर भी किये गए हैं. हथियार रिकवरी के लिए अभियान जारी रहेंगे. इसमें समय लगेगा, क्‍योंकि पुलिस गांव-गांव जाकर हथियार रिकवर कर रही है, इस दौरान कुछ समस्‍याएं भी आती हैं. मुझे लगता है लोगों ने अपने पास जो अवैध हथियार अभी तक रखे हुए हैं, उसके पीछे सबसे बड़ा कारण डर है. लोगों को डर है कि किसी भी समय स्थिति खराब हो सकती है, हमला हो सकता है, इसलिए लोगों ने अपने पास हथियार रखे हुए हैं.   
    
सवाल- यह भी देखने को मिला कि कुछ अपराधी प्रवृति के लोग पुलिस की यूनिफॉर्म पहनकर और उनके जैसे वाहनों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में कुछ नए नियम बनाने के बारे में भी विचार किया जा रह है, जिससे ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके? 
जवाब- उन्‍होंने कहा, "अपराधी, तो अपराधी होते हैं... वे किसी भी तरीके से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं. ऐसे में प्रशासन का काम है कि ऐसे बदमाशों को पकड़े और सजा दे. हालांकि, शुरुआत में ऐसी घटनाएं काफी देखने को मिली थीं, लेकिन अब ऐसा सुनने को नहीं मिल रहा है." 

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सवाल- मणिपुर में अशांति के पीछे का एक कारण आपने बॉर्डर के उस पार म्‍यांमार से आने लोगों को भी बताया था, आपने इसके लिए बाड़ लगाने का भी सुझाव दिया... इस बारे में कुछ बताइए?
जवाब- बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर में अभी जो कुछ हो रहा है, उसको... मैं पहले की केंद्र सरकार पर आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन 1947 और 1949 में जो विलय हुआ, उसी समय से थोड़ा ध्‍यान दिया होता, तो स्थिति ऐसी नहीं होती. 398 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है और बॉर्डर के दोनों ओर एक ही समुदाय के लोग हैं. इन लोगों की भाषा, पहनावा एक ही है, खाना-पीना एक ही है. इसलिए अगर उसी समय बाड़ की व्‍यवस्‍था कर दी जाती और पास सिस्‍टम कर दिया जाता, तो स्थिति में सुधार होता. लेकिन उस समय की केंद्र सरकार ने मणिपुर को ऐसे ही छोड़ दिया. बॉर्डर पर इस समय असम राइफल है, लेकिन इसका काम बॉर्डर की सुरक्षा के साथ घुसपैठ को रोकना भी है. फिर 20 से 25 किलोमीटर का एरिया ऐसा है, जिसमें ऐसे ही जा सकते हैं. ऐसे में सुरक्षाबलों के लिए भी बेहद मुश्किल हो जाता है. उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद मणिपुर पर ध्‍यान दिया गया है. मणिपुर में अभी जो हिंसा हो रही है, वो पिछली केंद्र सरकार की राज्‍य को लेकर अनदेखी के नजरिये का परिणाम है. इसलिए  मणिपुर में शांति के लिए सीमा पर बाड़ लगाना, बिना अनुमति आवाजाही व्यवस्था को रद्द करना जरूरी है. म्यांमार सीमा को वीजा जैसे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप बनाया जाना चाहिए.

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सवाल- कुकी समुदाय के साथ बातचीत कैसी चल रही है...?
जवाब- मुस्‍कुराते हुए मणिपुर के सीएम कहते हैं, "अगर हम कहेंगे कि बातचीत चल रही है, तो सिविल सोसायटी वाले कहेंगे कि बात नहीं हो रही है. हां, औपचारिक रूप से वार्ता नहीं हो रही है, लेकिन अनऔपचारिक तरीके से हमने अपने कुकी भाई-बहनों से काफी बातचीत की है. वे शांति चाहते हैं... वे सरकार चाहते हैं. कुकी समुदाय से सिविल सोसायटी के स्‍तर पर जो बातचीत करनी है, उसके लिए गृह मंत्रालय काफी काम कर रहा है. कुछ लोगों से मिल भी रहे हैं... हालांकि, इसके बारे में मैं खुलकर अभी कुछ नहीं बता सकता. लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि बातचीत हो रही है. मैं अपने स्‍तर पर भी कुकी समुदाय के लोगों से बातचीत कर रहा हूं. 

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सवाल- विपक्ष मणिपुर हिंसा को 2024 लोकसभा चुनाव का मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी दूसरी यात्रा, जिसे वह न्‍याय यात्रा कह रहे हैं, उसे मणिपुर से शुरू करने जा रहे हैं. राहुल गांधी का कहना है कि वो मणिपुर के लोगों को न्‍याय दिलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं, आप इस पर क्‍या कहेंगे?  
जवाब- सीएम बीरेन सिंह ने कहा, "कांग्रेस 2024 का लोकसभा चुनाव हारने जा रही है. मणिपुर से यात्रा शुरू करना उनकी बड़ी गलती है, क्‍योंकि यहां के लोगों में कांग्रेस को लेकर बेहद गुस्‍सा है. क्‍योंकि 2008 में जब पी. चिदंबरम गृह मंत्री थे, उन्‍होंने कई समझौते बिना सोचे समझे किये थे. पहले की केंद्र सरकारों की वजह से ही यहां समस्‍या खड़ी हुई. अब वे यहां आकर क्‍या मुद्दा उठाएंगे." 

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