ईरान-इजरायल युद्ध में गलती किसकी? DU के छात्रों से जानिए क्या है उनकी राय

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को दावा किया कि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध विराम 'प्रभावी' है.

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नई दिल्‍ली:

ईरान और इजरायल के बीच फिलहाल शांति हैं. 13 जून से जारी जंग फिलहाल थमी हुई है लेकिन कब क्‍या हो जाए, कोई कुछ नहीं कह सकता. अमेरिका ने दोनों देशों के बीच शांति कायम करने का श्रेय लिया है. इस बीच NDTV ने दिल्‍ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के नॉर्थ कैंपस में पहुंचकर छात्रों से बात की. इन छात्रों से यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर इस पूरी जंग में गलती किसकी है.   

सही नहीं ठहरा सकता इजरायल 

एक छात्र ने कहा कि साफ है कि इजरायल ने आक्रामकता दिखाई है. इजरायल इसे सेल्‍फ डिफेंस के नाम पर  न्‍यायसंगत नहीं बता सकता है. एकदम साफ है कि इजरायल ने आक्रामकता दिखाई है. छात्रों का कहना था कि भारत सरकार को ईरान के साथ सद्भाव प्रदर्शित करना चाहिए. यह नहीं होना चाहिए कि घरेलू राजनीति विदेश नीति पर हावी हो जाए. 

तख्‍तापलट की कोशिश 

डीयू की लॉ स्‍टूडेंट सावी इजरायल ने गाजा में 2023 से नरसंहार जारी रखा है जिसमें 50 हजार से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इजरायल वह देश है जो लगातार अंतरराष्‍ट्रीय अपराध करता जा रहा है और अब ईरान पर बात आ गई है. अब अमेरिका भी इसमें शामिल हैं. परमाणु खतरे के नाम पर हर जगह युद्ध शुरू होते हैं लेकिन अंत में यह तख्‍तापलट की एक नाकाम कोशिश ही साबित होती है.  

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एक और छात्र ने कहा कि अमेरिका पिछले 20 सालों से सिर्फ इस पर चर्चा करता था कि ईरान परमाणु बम बनाने की कोशिशों में लगा हुआ है. लेकिन कभी किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की आखिर ईरान क्‍यों न्‍यूक्लियर हथियार हासिल करना चाहता है. वजह है इजरायल जो सिर्फ अमेरिका की प्रॉक्‍सी के तौर पर उस क्षेत्र में मौजूद है. ईरान में सिर्फ खामेनेई की सत्‍ता को गिराने की कोशिशें की जा रही हैं और कुछ नहीं. 

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दोनों देशों के बीच युद्धविराम 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को दावा किया कि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध विराम 'प्रभावी' है. साथ ही उन्होंने दोनों पक्षों के प्रति गहरी निराशा व्यक्त की और उन पर उनके द्वारा किए गए समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. इससे पहले इजरायल ने ईरान पर आरोप लगाया था कि युद्ध विराम के प्रभावी होने के बाद उसने उसके हवाई क्षेत्र में मिसाइलें दागी हैं. सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरानी सेना ने इजरायल पर गोलीबारी करने से इनकार किया है. 

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दोनों देशों के बीच 12 दिनों तक लड़ाई चली. आंकड़ों के अनुसार, इजरायल में 1,347 लोग प्रभावित हुए, जिनमें 28 की मौत, 17 गंभीर रूप से घायल, 29 मामूली रूप से घायल, 872 हल्के रूप से घायल और 401 का चिंता के लिए इलाज किया गया. नेतन्याहू के ऑफिस का कहना है कि उन्होंने ट्रम्प से बात करने के बाद सख्त हमले को टाल दिया. 

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