"मेरा गला दबाया, फिर 4 लोगों को मार दी गोली" : RPF जवान चेतन सिंह के साथी ने बताया ट्रेन में कैसे हुआ शूटआउट

महाराष्ट्र की एक अदालत ने मंगलवार को जयपुर-मुंबई ट्रेन में चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कांस्टेबल चेतन सिंह को 7 अगस्त तक रेलवे पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.

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अदालत ने आरोपी कॉन्सेटबल चेतन सिंह को 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है.
मुंबई:

जयपुर से मुंबई जा रही ट्रेन सोमवार को अपने सीनियर समेत 4 यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी रेलवे पुलिसकर्मी चेतन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. उससे पूछताछ जारी है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के कॉन्स्टेबल चेतन सिंह ने महाराष्ट्र के पालघर स्टेशन के पास ट्रेन के कोच बी-5 में अपनी ऑटोमैटिक राइफल से साथी असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) को गोली मार दी थी. इसके बाद उसने दूसरे कोच में जाकर 3 यात्रियों को भी गोली मार दी. इस बीच आरोपी चेतन सिंह के साथ ट्रेन में तैनात एक और RPF कॉन्सटेबल ने बड़ा दावा किया है.  RPF कॉन्स्टेबल अमय घनश्याम आचार्य का कहना है कि वारदात से कुछ घंटे पहले चेतन सिंह ने अपने सहकर्मियों को बताया था कि वह अस्वस्थ महसूस कर रहा है. फायरिंग करने से पहले चेतन ने उनका गला दबाने की कोशिश की थी.

RPF जवान घनश्याम आचार्य, आरोपी चेतन सिंह और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर टीकाराम मीना के साथ रविवार रात सुपरफास्ट ट्रेन में ड्यूटी पर थे. उन्होंने पुलिस को बताया, " 30 जुलाई को मैं टीकाराम मीना (58), कांस्टेबल नरेंद्र परमार (58) और चेतन सिंह (33) के साथ एस्कॉर्ट ड्यूटी पर था. हम रात करीब 2.53 बजे सूरत में मुंबई जाने वाली सुपरफास्ट ट्रेन में सवार हुए थे. चेतन सिंह और मीना एसी कोच में ड्यूटी पर थे. परमार और मेरी ड्यूटी स्लीपर कोच में थी."

उन्होंने आगे बताया, "मेरे पास 20 राउंड वाली एक एआरएम राइफल थी. चेतन के पास 20 राउंड वाली एआरएम राइफल और एएसआई टीकाराम मीना के पास 10 राउंड वाली एक पिस्तौल थी. जबकि हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र परमार के पास 10 राउंड वाली एक पिस्तौल थी."  

ट्रेन से उतरना चाहता था चेतन सिंह
RPF जवान घनश्याम आचार्य ने अपने बयान में कहा, "ड्यूटी शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद मैं एक रिपोर्ट सौंपने के लिए ASI मीना के पास गया. कांस्टेबल चेतन सिंह और तीन टिकट इंस्पेक्टर उनके साथ थे. ASI मीना ने मुझे बताया कि चेतन सिंह की तबीयत ठीक नहीं है. मैंने यह देखने के लिए उन्हें छुआ कि कहीं उन्हें बुखार तो नहीं है? हालांकि, मैं समझ नहीं पा रहा था. चेतन सिंह अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतरना चाहता था. ASI मीना ने उससे कहा कि उसकी कम से कम दो घंटे की ड्यूटी बाकी है. इससे चेतन गुस्से में आ गया और लड़ने लगा."

कुछ भी सुनने के मुड में नहीं था चेतन
घनश्याम आचार्य ने पुलिस को दिए बयान में कहा, "चेतन सिंह कुछ भी सुनने के मूड में नहीं था. वह चिल्लाए जा रहा था. ऐसे में ASI मीना ने हमारे इंस्पेक्टर को फोन किया और उन्होंने निर्देश दिया कि मुंबई सेंट्रल कंट्रोल रूम को सूचित किया जाए. कंट्रोल रूम के अधिकारियों ने भी कहा कि चेतन सिंह को अपनी ड्यूटी पूरी करनी होगी. फिर मुंबई में इलाज कराना होगा. ASI ने चेतन सिंह को यह समझाने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी सुनना नहीं चाहता था. ऐसे में ASI ने मुझसे कहा कि मैं चेतन सिंह की राइफल ले लूं और उसे कहीं आराम करने के लिए ले जाऊं. मैं चेतन सिंह को अपने साथ बी 4 कोच में ले आया और वहां एक खाली बर्थ पर उसने सोने के लिए कहा. मैं अगली सीट पर बैठ गया."

घनश्याम आचार्य बताते हैं, "हालांकि चेतन सिंह लंबे समय तक नहीं सोया. वह बहुत बेचैन था. बार बार अपनी राइफल मांग रहा था. मैंने उसे राइफल देने से मना कर दिया और उसे आराम करने के लिए कहा. इससे वह गुस्से में आ गया और उसने मेरा गला दबाने की कोशिश करने लगा. उसने जबरदस्ती मेरे हाथ से राइफल छीन ली और कोच से निकल गया. मुझे एहसास हुआ कि उसने गलती से मेरी राइफल ले ली है."

बहुत गुस्से में था चेतन सिंह
उन्होंने अपने बयान में कहा है, "मैंने तुरंत अपने सीनियर अधिकारियों को सूचित किया. इसके तुरंत बाद मैं ASI मीना के पास गया. वहां चेतन सिंह खड़ा था. मैंने उससे कहा कि उसने मेरी राइफल ले ली है. इतना सुनते ही उसने मुझे मेरी राइफल लौटा दी और अपनी ले ली. उसका चेहरा गुस्से से लाल था. इस दौरान ASI उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह बहस कर रहा था. वह हमारी बात नहीं सुन रहा था. इसलिए मैं वहां से चला गया."

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राइफल से हटा रहा था सेफ्टी कैच
घनश्याम आचार्य आगे बताते हैं, "जब मैं जा रहा था, तभी मैंने चेतन सिंह को अपनी राइफल से सेफ्टी कैच हटाते हुए देखा. मैं समझ गया कि वह गोली चलाने के मूड में था. मैंने ASI मीना को बताया और उन्होंने चेतन सिंह को शांत होने के लिए कहा. थोड़ी देर बाद मैं चला गया. सुबह करीब 5.25 बजे ट्रेन वैतरणा स्टेशन पहुंची. इस दौरान मुझे एक आरपीएफ बैचमेट का फोन आया. उसने मुझे बताया कि ASI मीना को गोली मार दी गई है. मैं कोच बी 5 की ओर भागा. कुछ यात्री मेरी ओर दौड़ रहे थे. वे थे डरे हुए थे. उन्होंने मुझे बताया कि चेतन सिंह ने ASI को गोली मार दी है. मैंने कांस्टेबल नरेंद्र परमार को फोन किया और सुनिश्चित किया कि वह ठीक है. मैंने कंट्रोल रूम को भी अलर्ट कर दिया था."

ASI को गोली मारने के बाद दूसरे कोच में चलाई गोली
रेलवे पुलिसकर्मी घनश्याम आचार्य ने अपने बयान में कहा, "मैंने चेतन सिंह को कोच बी 1 के पास देखा था. उसके हाथ में राइफल थी. वह बहुत गुस्से में था. मुझे लगा कि वह मुझे भी गोली मार सकता है. इसलिए मैं मुड़ गया. लगभग 10 मिनट बाद किसी ने चेन खींची. मैंने एक ऐप चेक किया और पाया कि ट्रेन मीरा रोड और दहिसर स्टेशन के बीच थी. मैंने कोच के दरवाजे के पीछे से झांककर चेतन सिंह को देखा. उसने राइफल तान रखी थी और गोली चलाने वाला था."

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घनश्याम आचार्य ने पुलिस को बताया, "मैं गोलियों की आवाज सुन सकता था. मैं बाथरूम में छिप गया. जब मैं कुछ मिनट बाद बाहर आया, तो मैंने चेतन सिंह को पटरियों पर चलते देखा. वह अभी भी राइफल पकड़े हुए था. ट्रेन लगभग 15 मिनट बाद चली. मैं जैसे ही कोच बी 5 और बी 6 की ओर बढ़ा, वहां तीन यात्रियों को खून से लथपथ देखा."

बोरीवली स्टेशन पर तीन यात्रियों को मारी गोली
उन्होंने कहा, "बोरीवली स्टेशन पर रेलवे पुलिस कर्मियों ने खून से लथपथ चार लोगों को प्लेटफॉर्म पर उतारा. उनमें से एक मेरे टीम लीडर ASI मीना थे. जब उन्हें प्लेटफॉर्म पर ले जाया गया, तो यह स्पष्ट था कि वे जिंदा नहीं हैं." वहीं, मृत यात्रियों में से दो की पहचान 48 वर्षीय अजगर अब्बास शेख और 62 वर्षीय अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला के रूप में की गई है.

आरोपी गुस्सैल और मानसिक रूप से अस्थिर
आरपीएफ (पश्चिम रेलवे) के महानिरीक्षक प्रवीण सिन्हा ने बताया कि आरोपी कॉन्स्टेबल गुस्सैल और मानसिक रूप से अस्थिर है. उसने अपना आपा खो दिया और अपने सीनियर को गोली मार दी. फिर जो भी उसे दिखा, उस पर गोली चला दी.

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RPF ने क्या कहा?
आरपीएफ कमिश्नर रवींद्र शिशवे ने कहा कि चार शव अलग-अलग कोच से मिले. दो शव B5, एक पैंट्री कार और एक बी 1 कोच से मिले. चार लोगों को गोली मारने के बाद चेतन सिंह ने भागने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उसे राइफल समेत गिरफ्तार कर लिया. घटना की जांच के लिए RPF के ADG की अध्यक्षता वाली हाईलेवल कमेटी बना दी गई है. बोरीवली रेलवे पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में गोलीबारी का कारण अज्ञात बताया गया है.

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