बजट सत्र: क्या होता है व्हाइट पेपर, जिसे संसद में सरकार आज कर सकती है पेश

'श्वेत पत्र' एक सूचनात्मक रिपोर्ट है, जो सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालती है.सरकारें आमतौर पर मुद्दों पर चर्चा करने, कार्रवाई या सुझाव देने या फिर किसी विशेष विषय पर निष्कर्ष के लिए श्वेत पत्र लाती हैं.

Advertisement
Read Time: 3 mins

White Paper in Lok Sabha: देश में 2014 से पहले और बाद की आर्थिक स्थिति की तुलना करने वाला व्हाइट पेपर (श्वेत पत्र) सरकार आज लोकसभा पेश कर सकती है. संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष और भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि ये श्वेत पत्र 2014 से पहले देश की "खराब आर्थिक स्थिति" के बारे में जानकारी देगा और लोगों को पता चलेगा कि मोदी सरकार ने कैसे-कैसे अर्थव्यवस्था में सुधार किया. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण में व्हाइट पेपर लाने का ऐलान करते हुए कहा था कि 2014 से पहले कैसे भारत की अर्थव्यवस्था संकट में थी और उन वर्षों के संकट से उबरने अर्थव्यवस्था को विकासपथ पर ले जाने के लिए किस तरह से मेहनत की गई. पिछली कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के "कुप्रबंधन" को जिम्मेदार ठहराते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 1 फरवरी को कहा कि सरकार सदन के पटल पर एक 'श्वेत पत्र' रखेंगी. वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा था कि मौजूदा बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है क्योंकि सरकार 'श्वेत पत्र' पेश करने की तैयारी कर रही है.

आखिर क्या होता है व्हाइट पेपर

'श्वेत पत्र' एक सूचनात्मक रिपोर्ट है, जो सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालती है.सरकारें आमतौर पर मुद्दों पर चर्चा करने, कार्रवाई या सुझाव देने या फिर किसी विशेष विषय पर निष्कर्ष के लिए श्वेत पत्र लाती हैं. स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल के अनुसार, सरकारी कागजात वितरण के लिए रंग-कोडित होते हैं और सार्वजनिक पहुंच के लिए सफेद रंग को नामित किया जाता है.

इस समय व्हाइट पेपर क्यों ला रही है सरकार

केंद्र सरकार इस बजट सत्र में व्हाइट पेपर ला रही है, जिसमें ये स्पष्ट किया जाएगा कि 2014 से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अर्थव्यस्था को संकट की स्थिति में छोड़ा था और मोदी सरकार ने इसमें कैसे बदलाव किया. जयंत सिन्हा ने बताया कि श्वेत पत्र में हम स्पष्ट करेंगे कि अर्थव्यवस्था की स्थिति 2014 से पहले क्या थी और हमने आर्थिक समस्याओं से कैसे निपटा. उन्होंने ये भी दावा किया भारत की अर्थव्यवस्था 2013 में नाजुक दौर से गुजर रही पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक था.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि ये देखने का उचित समय है कि देश 2014 तक कहां था और "उन वर्षों के कुप्रबंधन" से क्या सबक लेना चाहिए. सरकार अक्सर कांग्रेस पर अर्थव्यवस्था में 'कुप्रबंधन' का आरोप लगाती रही है और इस'श्वेत पत्र' के जरिए मोदी सरकार अगले दो महीनों में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष पर जमकर हमला बोलने की तैयारी में है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Israel-Iran War पर S Jaishankar का बड़ा बयान: 'पूरे विश्व की नज़र मध्य पूर्व पर है, जो चिंता का विषय है'
Topics mentioned in this article