भारत और अमेरिका के बीच हो रही अंतरिम ट्रेड डील पर क्या है APEC, CIAA और FIEO की राय

CIAA के प्रेसिडेंट राजीव मेमानी ने कहा है कि हमें पूरा भरोसा है कि सरकार उद्योग की चुनौतियों को समझती है और उनका समाधान किया जाएगा. सरकार ने जिस तरह से तैयारी की है, उससे हमें उम्मीद है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम ट्रेड डील फाइनल होने की उम्मीद
  • अंतरिम ट्रेड डील लागू होने पर भारत से अमेरिका के एक्सपोर्ट पर टैरिफ 0% होगा
  • अंतरिम ट्रेड डील पर APEC, CIAA और FIEO की राय
  • समझौते के बाद अधिकांश सामान पर 26% रिसिप्रोकल टैरिफ लागू नहीं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के सीईओ और डीजी डॉ. अजय सहाय ने भारत और अमेरिका के बीच हो रही ट्रेड डील पर बात की. उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है 9 जुलाई से पहले भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए अंतरिम ट्रेड डील फाइनल हो जाएगी. सवाल बस इतना है कि प्रस्तावित अंतरिम ट्रेड डील का दायरा कितना बड़ा होगा, इसके तहत कितने सेक्टर शामिल होंगे. हमारा आंकलन है की अंतरिम ट्रेड डील फाइनल होने के बाद अगले 3 साल में भारत से अमेरिका का एक्सपोर्ट दोगुना बढ़ जाएगा.

'एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर भारत की संवेदनशीलताएं'

डॉ. अजय सहाय के अनुसार, 'अंतरिम ट्रेड डील लागू होने के बाद भारत से US एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर टैरिफ 0% हो जाएगा. इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय एक्सपोर्टरों का कॉम्पिटेटिव एडवांटेज काफी बढ़ जाएगा. उदाहरण के लिए अगर भारत से अमेरिका एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर 0% ड्यूटी लगाई जाती है, और वियतनाम से इस सामान के एक्सपोर्ट पर अमेरिका 45% रिसिप्रोकल टैरिफ लगाता है, तो इससे भारतीय एक्सपोर्टरों को काफी ज्यादा फायदा होगा. एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर भारत की संवेदनशीलताएं हैं. इस पर आगे और बातचीत और नेगोशिएशन की जरूरत होगी. इस वजह से अमेरिका कुछ सेक्टर को अंतरिम ट्रेड डील से बाहर रखने की कोशिश कर सकता है.'

'डील के बाद भारत पर नहीं लागू होगा रिसिप्रोकल टैरिफ'

IACC के सदस्य सुनील जैन ने कहा है कि, 'भारत और अमेरिका के बीच "अंतरिम ट्रेड डील" को लेकर समझौता लगभग हो गया है. लेकिन कृषि उत्पादों को लेकर अब भी नेगोशिएशन जारी है. अगर भारत और अमेरिका के बीच "अंतरिम ट्रेड डील" पर समझौता हो जाता है, तो 9 जुलाई के बाद भारत से एक्सपोर्ट होने वाले अधिकतर सामानों पर 26% रिसिप्रोकल टैरिफ लागू नहीं होगा.'

Advertisement

'पूरा भरोसा है कि सरकार उद्योग की चुनौतियों को समझती है'

CIAA के प्रेसिडेंट राजीव मेमानी ने कहा है कि हमें पूरा भरोसा है कि सरकार उद्योग की चुनौतियों को समझती है और उनका समाधान किया जाएगा. सरकार ने जिस तरह से तैयारी की है, उससे हमें उम्मीद है. हमें याद रखना चाहिए कि ऐसी स्थितियों में 100% जीत नहीं होगी। यह 80%-20% हो सकता है. 

Advertisement

वहीं, APEC प्रेसिडेंट सुधीर सेखरी ने कहा है कि, 'हमें उम्मीद है कि अमेरिका लेबर इंटेंसिव सेक्टर में रिसिप्रोकल टैरिफ घटाने को राजी होगा. भारत सरकार इसकी पूरी कोशिश कर रही है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि "अंतरिम ट्रेड डील" के तहत कपड़ों के अलग-अलग प्रोडक्ट्स पर अलग-अलग टेरिफ रेट किया जाए. हमें एक अच्छी डील की उम्मीद है. हमारा आंकलन है की "अंतरिम ट्रेड डील" लागू होने और MFN टैरिफ हटने से भारत से अमेरिका कपड़ों का निर्यात मौजूद 5.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. साथ ही अमेरिका के साथ BTA, UK के साथ FTA और EU L के साथ FTA जब पूरी तरह लागू होगा तो भारत से कपड़ों का निर्यात का कारोबार 2030 तक मौजूदा 16 बिलियन डॉलर से बढ़कर 40 बिलियन डॉलर तक  पहुंच सकता है.'

Advertisement
Featured Video Of The Day
Kolkata Gangrape Case: मनोजीत ने कैसे बदलवाया कॉलेज का टाइम? | Monojit Mishra | News@8