क्या है मिशन शक्ति? जब चीन ने किया था टेस्ट तो हुई थी बड़ी आलोचना, भारत ने कर दिया कारनामा

भारत ने अंतरिक्ष में एंटी मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराते हुए बुधवार को अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज करा दिया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
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क्या है मिशन शक्ति?
दुनिया में चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति बना भारत
मिली बड़ी उपलब्धि
नई दिल्ली:

भारत ने अंतरिक्ष में एंटी मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराते हुए बुधवार को अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज करा दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संदेश में यह जानकारी दी. भारत अंतरिक्ष में निचली कक्षा में लाइव सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता रखने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन के पास ही ऐसी उपलब्धि थी. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मिशन शक्ति के तहत स्वदेशी एंटी सैटेलाइट मिसाइल ‘ए-सैट' से तीन मिनट में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया गया.'' 

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क्या है मिशन शक्ति?
एंटी सैटेलाइट विपन्स (ASAT) को उपग्रहों को नष्ट करने या निष्क्रिय करने के लिए बनाए जाते हैं. ऐसे कई देश हैं जिनके पास यह क्षमता है, लेकिन भारत सहित केवल चार देशों ने अपनी ASAT क्षमताओं का साबित किया है. अमेरिका ने पहली बार साल 1958, रूस (Union of Soviet Socialist Republics- USSR) ने 1964 और चीन ने 2007 में ASAT का परीक्षण किया था. साल 2015 में, रूस ने अपनी PL-19 Nudol मिसाइल का परीक्षण किया और अन्य परीक्षणों के साथ इसका पालन किया. डीआरडीओ ने फरवरी 2010 में घोषणा की थी कि भारत अंतरिक्ष में दुश्मन के उपग्रहों को नष्ट करने के लिए एक हथियार बनाने के लिए आवश्यक तकनीक विकसित कर रहा है.

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साल 2007 में चीन द्वारा परीक्षण करने के बाद कई देशों ने इस कदम की आलोचना की थी और अंतरिक्ष में सैन्यीकरण में संलग्न होने के गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है. चीन ने यह कहते हुए आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की थी कि वह बाहरी अंतरिक्ष में किसी भी तरह की हथियारों की दौड़ में भाग नहीं लेगा. एसैट (ASAT) मिसाइल ने भारतीय अंतरिक्ष प्रोग्राम में नई उपलब्धि हासिल की है.

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पीएम मोदी ने कहा, A-SAT मिसाइल भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को नई ताकत देगी. इससे किसी अंतरराष्ट्रीय कानून या संधि का उल्लंघन नहीं हुआ है. भारत हमेशा से अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के विरूद्ध रहा है और इससे (उपग्रह मार गिराने से) देश की इस नीति में कोई परिवर्तन नहीं आया है.

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मोदी ने कहा कि हमने जो नई क्षमता हासिल की है, यह किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि तेज गति से बढ़ रहे हिन्दुस्तान की रक्षात्मक पहल है. उन्होंने वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति एवं सुरक्षा का माहौल बनाने के लिए एक मजबूत भारत का निर्माण जरूरी है और हमारा उद्देश्य शांति का माहौल बनाना है, न कि युद्ध का माहौल बनाना.

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