One Nation, One Election पर JPC क्या कर रही? अध्यक्ष से जानिए कहां तक पहुंचा मामला

JPC On One Nation, One Election: जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के अध्यक्ष का दावा है कि देश में "वन नेशन, वन इलेक्शन" को लागू करने से GDP को 1.6% तक फायदा होगा.

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"हमने 8 जनवरी, 2025 से "वन नेशन, वन इलेक्शन" से जुड़े Bills की समीक्षा करने की प्रक्रिया शुरू की. इसमें पिछले ढाई महीने में हुई पांच बैठकों में "बहुत प्रोग्रेस" हुआ है, एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के अध्यक्ष पी पी चौधरी ने ये अहम बात कही.

पी पी चौधरी ने कहा कि पिछले पांच बैठकों में जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (JPC) का मुख्य फोकस "वन नेशन, वन इलेक्शन" की सोच की संवैधानिक वैधता पर रहा है. जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी की बैठकों में विपक्षी दलों के सांसदों के 90 फ़ीसदी सवाल One Nation, One Election की कांस्टीट्यूशनल वैलिडिटी यानी संवैधानिक वैधता पर रहे हैं. विपक्षी दलों के सांसद सकारात्मक तरीके से जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी की बैठक में विशेषज्ञों से सवाल पूछ रहे हैं. ममता बनर्जी ने "वन नेशन, वन इलेक्शन" को लेकर जो सवाल उठाए हैं, उसे तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी के सामने भी रखा है.

नीति आयोग के अधिकारी भी शामिल होंगे

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के अध्यक्ष का दावा है कि देश में "वन नेशन, वन इलेक्शन" को लागू करने से GDP को 1.6% तक फायदा होगा, जीडीपी 6 से 7 लाख करोड़ तक बढ़ जाएगी. चौधरी कहते हैं, यह पैसा पूरे देश में बटेगा, राज्यों को भी बहुत फायदा होगा. अगले दो हफ़्तों में जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी ने Attorney General of India, R Venkataramani को 25 मार्च और April 02 को सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व जज जस्टिस हेमंत गुप्ता और लॉ कमीशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. 25 मार्च की बैठक में पहली बार NITI AAYOG के अधिकारी भी शामिल होंगे. चुनाव आयोग और लॉ मिनिस्ट्री के अधिकारी पहले से ही बैठक में भाग ले रहे हैं.

पी पी चौधरी ने आगे बताया कि वन नेशन, वन इलेक्शन से जुड़े दो बिलों की संवैधानिक वैधता की समीक्षा के बाद जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी देश के हर राज्य में जाएगी और वहां राज्य सरकारों और राजनीतिक दलों के साथ वन नेशन, वन इलेक्शन पर विचार विमर्श करेगी. JPC ने एक वेबसाइट लांच करने का फैसला किया है, जिससे "वन नेशन, वन इलेक्शन" से जुड़े दो बिलों के बारे में जानकारी आम लोगों को आसानी से मुहैया हो सके.

चौधरी ने एनडीटीवी से कहा, "हम चाहते हैं कि नवी कक्षा से लेकर यूनिवर्सिटी स्तर के स्टूडेंट में Essay कंपटीशन हो, डिबेट कंपटीशन हो वन नेशन वन इलेक्शन की सोच पर. हम एक वेबसाइट लांच करने वाले हैं, जिस पर वन नेशन वन इलेक्शन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध होगा. हमारी कोशिश सिर्फ जॉइट पार्लियामेंट्री कमिटी में कंसेंसस बनने पर नहीं है, बल्कि पूरे देश में एक राष्ट्रीय सहमति बनने पर फोकस होगा". जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी ने "वन नेशन, वन इलेक्शन" से जुड़े दो महत्वपूर्ण बिलों पर अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कोई डेडलाइन तय नहीं की है.
 

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