इस्लामिक जेहाद संगठन को इजरायल अस्पताल में बमबारी का जिम्मेदार बता रहा है. इस्लामिक जेहाद संगठन का पूरा नाम है फिलिस्तीनी इस्लामिक जेहाद. यह मुस्लिम ब्रदरहुड की ही एक शाखा के तौर पर आगे बढ़ा और वैचारिक तौर पर ईरान में इस्लामी राज की स्थापना से प्रेरित हुआ है. दरअसल, गाजा में दो उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं. एक हमास, जिसे सभी जान गए हैं और दूसरा इस्लामिक जेहाद. दोनों संगठन एक-दूसरे के सहयोगी रहे हैं.
इस्लामिक जेहाद की 1979 में गाजा में स्थापना हुई. इस्लामिक जेहाद इस मायने में हमास से अलग है कि वो इजरायल से बातचीत का बिलकुल इच्छुक नहीं दिखता. ओस्लो समझौतों को भी ये खारिज करता है और एक संप्रभु इस्लामिक फिलिस्तीनी राज्य बनाना इसका लक्ष्य है. ये इज़रायल के फौजी विनाश की बात करता है और दो देशों की स्थापना को समाधान नहीं मानता. 1980 से इजरायल पर कई हमलों के लिए यह जिम्मेदार है. मोर्टार और रॉकेट हमलों में यह माहिर है.
शिया उग्रवादी संगठन हिज़्बुल्लाह के साथ मिलकर यह ऑपरेशन करता रहा है. जियाद अल नखल्लाह इस्लामिक जेहाद का प्रमुख है. इसके अलावा इस संगठन का नेतृत्व आठ सदस्यीय जनरल ब्यूरो के हाथ में है. इसके अलावा 15 सदस्यों की राजनीतिक परिषद है, जिसमें गाजा, वेस्ट बैंक, इजरायल की जेलों में बंद कैदी और विदेशों से भी सदस्य हैं. ईरान से इसे हथियार, सैन्य और वित्तीय सहायता मिलती रही है. इसके नेताओं को लेबनान में हिज्बुल्लाह का संरक्षण रहा है और हमास के साथ संयुक्त रूप से प्रशिक्षण मिलता रहा है.
इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास की जंग के बीच मंगलवार को गाजा के अल-अहली अस्पताल में हुए एक भीषण हमले में 500 लोगों की मौत हो गई है. हमास ने इजरायल पर हमला करने का आरोप लगाया है. वहीं, इजरायल ने इन आरोपों को खारिज किया है. इजरायली सेना ने इस हमले के पीछे फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद का हाथ होने का दावा किया है. अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इजरायल को क्लीन चिट दे दी है. बुधवार को इजरायल पहुंचे जो बाइडेन ने कहा है कि ऐसा लगता नहीं है कि गाजा के अस्पताल में हुए ब्लास्ट के पीछे इजरायल का हाथ है. बाइडेन ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस हमले के पीछे कोई दूसरी टीम है.