- पराग खन्ना ने मानवता के भविष्य को समग्र दृष्टिकोण से देखने पर ज़ोर देते हुए उसे 'ब्राउन' बताया है
- मानवता का भविष्य मुख्य रूप से युवा पीढ़ी से जुड़ा है, जिसमें 40 वर्ष से कम आयु के लोग शामिल हैं
- एशिया विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी का केंद्र है और वैश्विक जनसंख्या में इसका हिस्सा लगातार बढ़ रहा है
क्या आपने कभी सोचा है कि मानवता का भविष्य क्या है? इस सवाल का जवाब अल्फाजियो के फाउंडर पराग खन्ना के पास सिर्फ एक शब्द में है. भविष्य ब्राउन (भूरा) है. NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में पराग खन्ना ने कहा कि भविष्य को समझने और उसकी व्याख्या करने की कोशिश करते समय, तकनीक, भू-राजनीति या सामाजिक मामलों को अलग-अलग देखने के बजाय एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए.
पराग खन्ना ने कहा, 'मानवता के भविष्य का शाब्दिक उत्तर जनसांख्यिकी के माध्यम से है. हमें दार्शनिक होने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है. मानवता का भविष्य आज के युवा हैं. जेन वाई (मिलेनियल्स), जेन जेड (किशोर) और जेन अल्फा (छोटे बच्चे) दुनिया के युवा हैं. 40 वर्ष से कम आयु के लोग मोटे तौर पर इस समूह में आते हैं.'
एशिया के लोगों को दुनिया का भविष्य बताते हुए पराग खन्ना ने कहा, 'एशिया के युवा पृथ्वी पर इस समय सबसे ज़्यादा युवा हैं. एशिया न केवल वैश्विक आबादी के आधे से ज़्यादा का प्रतिनिधित्व करता है, बल्कि भविष्य की विश्व जनसंख्या के एक बड़े हिस्से का भी प्रतिनिधित्व करता है. हर दिन, हफ़्ते, महीने, साल, दुनिया जनसांख्यिकी के लिहाज से और ज़्यादा एशियाई होती जा रही है.'
क्यों हो रहे ज्यादा गतिशील?
मानवता के भविष्य पर सवाल का जवाब देते हुए, खन्ना ने कहा, 'फ्यूचर ब्राउन है, भविष्य एशियाई लोगों का है. और एशियाई लोग जहां भी जाने का फ़ैसला करते हैं, वे एशिया को अपने साथ ले जाते हैं.' खन्ना का मानना है कि लोग पहले से कहीं ज़्यादा गतिशील हो गए हैं. लेकिन लोग क्यों गतिशील होते हैं? खन्ना ने पांच प्रमुख कारण बताए- जनसांख्यिकीय असंतुलन, राजनीतिक उथल-पुथल, आर्थिक अव्यवस्था, तकनीकी व्यवधान और जलवायु परिवर्तन.
वृद्धों और युवाओं के बीच इतना बड़ा असंतुलन
पराग खन्ना ने कहा, 'इस दुनिया के इतिहास में वृद्धों और युवाओं के बीच इतना बड़ा असंतुलन कभी नहीं रहा- राष्ट्रों के भीतर और राष्ट्रों के बीच भी. वृद्धों और युवाओं के बीच की खाई को पाटकर पीढ़ियों के बीच संतुलन सुनिश्चित करना वित्तीय स्थिरता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.' लोग आर्थिक अवसरों की तलाश में आगे बढ़ती रहती है. कोविड-19 महामारी के दो साल बाद, 2022 के अंत तक प्रवासन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो 2019 के उस उच्चतम स्तर से भी ज़्यादा था. खन्ना ने आगे कहा कि तब से, दुनिया में और भी ज़्यादा प्रवासन हुआ है.