गुरुग्राम के एक रेस्तरां में खाना खाने के बाद कथित तौर पर माउथ फ्रेशनर में मिली सूखी बर्फ (Dry Ice) खाने से पांच लोग बीमार पड़ गए. इनके मुंह से खून निकलने लगा था. इसके बाद इन सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से तीन को डिस्चार्ज कर दिया गया है. पुलिस ने रेस्तरां के मैनेजर गगनदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर ड्राई आइस क्या होती है, इसे कैसे बनाया जाता है और इंसानों के लिए यह कितनी खतरनाक साबित हो सकती है.
Dry Ice: क्या होती है ड्राई आइस
ड्राई आइस कार्बन डाई ऑक्साइड का ही एक रूप है. ये कार्बन डाई ऑक्साइड का ठोस रूप होता है. ड्राई आइस किसी सामान्य शुगर क्यूब जैसी ही नजर आती है. इसलिए आमतौर पर शुगर क्यूब और सामान्य आइस क्यूब में कई बार अंतर करने में मुश्किल आती है. ड्राई आइस का इस्तेमाल आजकल इतना बढ़ रहा है कि ये रेस्तरां में आसानी से मिल जाती है. सामान्य बर्फ जैसी दिखने वाली ये ड्राई आइस गीली नहीं होती है और पिघलती है, तो पानी नहीं बनता है. इसकी ठंडक सामान्य बर्फ से कई गुणा ज्यादा होती है, इसका तापमान -80 डिग्री तक होता है. वहीं, सामान्य बर्फ का तापमान सिर्फ -4 डिग्री तक होता है.
ड्राई आइस कैसे बनाते हैं...?
ड्राई आइस बनाने के लिए पहले कार्बन डाई ऑक्साइड को 109 डिग्री फारेनहाइट तक ठंडा करके कंप्रेस किया जाता है, जिससे यह गैस, बर्फ का रूप ले लेती है. इसके बाद इसे आइस क्यूब की शेप दी जाती है. ये बेहद खतरनाक होती है, इसलिए इसे छूने से भी मना किया जाता है. गर्म वातावरण में आने के बाद ये पानी के रूप में पिघलती नहीं है, बल्कि गैस बनकर उड़ जाती है.
बताया जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा के रहने वाले अंकित कुमार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, वह शनिवार को अपनी पत्नी और चार दोस्तों के साथ सेक्टर 90 के एक रेस्तरां में डिनर के लिए गए थे. डिनर के बाद रेस्तरां में एक वेटर माउथ फ्रेशनर लाया और पांच लोगों ने इसे खाया, कुमार ने बताया माउथ फ्रेशनर खाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. शिकायतकर्ता ने कहा, "मैंने माउथ फ्रेशनर का पैकेट एक डॉक्टर को दिखाया, जिन्होंने कहा कि यह ड्राई आइस है. डॉक्टर के अनुसार, यह एक तेजाब है, जिससे मौत हो सकती है.'
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