
अब तक 17 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. (फाइल फोटो)
दुनियाभर के 180 से ज्यादा देशों ने COVID-19 के खौफ को महसूस किया है. अभी तक 17 करोड़ से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं और 37 लाख से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है. वायरस से बचाव के लिए तमाम देशों में टीकाकरण अभियान चल रहा है. जैसा कि साल 2019 में कोरोनावायरस (Coronavirus) की उत्पत्ति को लेकर सामने आया था कि यह चीन के वुहान से फैला था. किसी ने कहा कि यह जानवर से इंसानों में फैला और किसी ने कहा कि यह वुहान की लैब से फैलाया गया. साजिश से जुड़ी इन खबरों के एक साल के बीच आखिर हम यहां कैसे पहुंचे?
क्या चीन से फैला कोरोनावायरस? 10 बड़ी बातें
- सबसे पहले यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस बिंदु पर कोई ठोस सबूत नहीं है कि COVID-19 महामारी के लिए जिम्मेदार कोरोनावायरस चीन में एक प्रयोगशाला से गलती से या अन्यथा निकला.
- चीन ने लगातार लैब से वायरस के लीक होने की खबरों का खंडन किया है और इसके बजाय अमेरिका और अन्य पर साजिश रचने और ध्यान हटाने के लिए महामारी का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है.
- चीन को COVID-19 की उत्पत्ति को जानने के प्रयासों को रोकने के लिए एक असाधारण प्रयास करते हुए पाया गया, विशेष रूप से पूछताछ, जो अपने आधिकारिक रुख से भटक गई है. इससे सवाल खड़े हुए कि चीन क्या और क्यों छुपा रहा है, अगर छुपाने जैसा कुछ है ही नहीं.
- लैब लीक सिद्धांत की उत्पत्ति उन रिपोर्ट्स में निहित है कि साल 2012 में 6 खनिज कर्मी बीमार पड़ गए थे और 2019 में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के तीन शोधकर्ता दक्षिण-पश्चिमी चीनी प्रांत युन्नान में चमगादड़ की एक गुफा का दौरा करने के बाद बीमार हो गए थे.
- इस पॉइंट से थ्योरी के कई बिंदु जुड़ते हैं लेकिन सबसे लोकप्रिय यह है कि खनिज कर्मी कोरोनावायरस SARS-CoV-2 से संबंधित वायरस से बीमार पड़े थे, जिसने कोविड-19 को बढ़ावा दिया. इस घटना ने चीनी शोध को जन्म दिया, विशेष रूप से वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में और 2019 में किसी बिंदु पर, महामारी के संबंध में कुछ गलत हो गया.
- 2019 में कोरोनावायरस के मामले सामने आने लगे तो इसकी उत्पत्ति को लेकर भी तमाम कहानियां सामने आने लगीं. कई लेखों में वुहान को इसका केंद्र बताया गया लेकिन चीन हर बार देश में इस वायरस की उत्पत्ति की खबरों को खारिज करता गया.
- इस मामले में रिसर्च जारी है और इस जांच का नेतृत्व करने वाले लोगों में कुछ भारतीय भी हैं. इनमें से पश्चिम बंगाल का एक युवक भी शामिल है.
- वायरस की उत्पत्ति को जानने से जुड़े प्रयास पिछले महीने महत्वपूर्ण पैमाने पर पहुंच गए. मई में इस मामले में #WuhanLabLeak हैशटैग सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड कर रहा था.
- इस मामले में नए सिरे से बहस के बाद वैज्ञानिकों का ध्यान इस लैब लीक थ्योरी के फिर से परीक्षण पर गया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वायरस की उत्पत्ति को लेकर इंटेलिजेंस से तीन महीने में रिपोर्ट मांगी है. बाइडेन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार एंथनी फाउची ने चीन से उन रिकॉर्ड्स को जारी करने को कहा, जिसे उसने कथित तौर पर दुनिया से छुपाया हुआ है.
- बीते मार्च में WHO ने कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीनी वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त रूप से लिखी गई एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि इसके किसी लैब से लीक होने की संभावना बेहद कम है.
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