Black Fungus : Mucormycosis से कैसे लड़ें? क्या करें, क्या नहीं, यहां जानें

शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ब्लैक फंगस पर जागरूकता फैलाने के लिए एक ट्वीट किया, जिसमें इसके कई पहलुओं की अहम जानकारी दी गई है. 

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देश के कई राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

देश में कई राज्यों में कोरोना से रिकवर हो रहे दर्जनों मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस यानी दुर्लभ और कभी-कभी घातक साबित होने वाली ब्लैक फंगस (Mucormycosis or Black Fungus) बीमारी का संक्रमण सामने आ रहा है. इस संक्रमण ने देश में मेडिकल एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है. शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ब्लैक फंगस पर जागरूकता फैलाने के लिए एक ट्वीट किया, जिसमें इसके कई पहलुओं की अहम जानकारी दी गई है. 

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि 'संक्रमण की शुरुआती पहचान और इसके बारे में पहले से जानकारी होने से इससे निपटने में आसानी मिलेगी.' उन्होंने बताया कि इस बीमारी के क्या लक्षण है, इसका संक्रमण कैसे होता है और संक्रमण हो गया तो इससे कैसे निपटना है.

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म्यूकरमाइकोसिस या फिर ब्लैक फंगस क्या है? 

यह एक तरीके का फंगल इंफेक्शन है, जो ऐसे लोगों में ज्यादा दिखाई देता है, जिन्हें पहले से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, खासकर डायबिटीज़. पहले से स्वास्थ्य परेशानियां झेल रहे शरीर में वातावरण में मौजूद रोगजनक वायरस, बैक्टीरिया या दूसरे पैथोजन्स से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में शरीर में इस फंगल इंफेक्शन के होने का डर रहता है.

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कोई मरीज इससे संक्रमित कैसे हो जाता है?

को-मॉर्बिडिटी यानी कि पहले से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने, एंटीफंगल थेरेपी, अनियंत्रित डायबिटीज़ मेलेटिस, स्टेरॉयड्स वगैरह लेने की वजह से कमजोर हुई प्रतिरोधक क्षमता से, या फिर ICU में ज्यादा वक्त तक रहने के चलते कोई मरीज इससे संक्रमित हो सकता है.

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इसके लक्षण क्या हो सकते हैं?

आंखों/नाक के किनारे दर्द होना या फिर लाल से निशान पड़ना, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, खूनी उल्टी और मानसिक स्थिति पर असर पड़ना इस संक्रमण के लक्षण हैं.

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क्या करें, क्या न करें

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया है कि अगर संक्रमण का डर है या फिर संक्रमण हो चुका है तो आपको क्या करना चाहिए,

Do's

- हाइपरग्लाइसीमिया यानी खून में शर्करा की मात्रा को कंट्रोल करने की कोशिश करें
- कोविड से डिस्चार्ज होने के बाद या फिर डायबिटीज़ में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को मॉनिटर करते रहें.
- स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से करें.
- ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान ह्यूमिडीफायर्स में साफ, स्टराइल पानी का इस्तेमाल करें.
- एंटीबायोटिक्स या एंटी फंगल दवाइयों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण ढंग से करें.

Don'ts

- संक्रमण के लक्षणों को नजरअंदाज न करें.
- बंद नाक के हर मामले में यह न समझें कि यह बैक्टीरियल साइनसाइटिस की वजह से है. खासकर ऐसे मरीजों में जिनकी मेडिकेशन के वजह से प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई है.
- फंगल इंफेक्शन का पता लगाने के लिए बड़े कदम उठाने से हिचकिचाएं नहीं.
- म्यूकरमाइकोसिस हो तो इसका इलाज शुरू करने में जरा भी वक्त न गवाएं.

बता दें कि दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में ब्लैक फंगस के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं. सूरत में 15 दिनों में 40 केस सामने आए हैं, जिनमें 8 मरीजों को अपनी आंखों की रोशनी खोनी पड़ी. महाराष्ट्र में कई अस्पतालों में से कम से कम 111 मरीजों का इलाज हो रहा है, ये सभी कोविड से संक्रमित रह चुके हैं.

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