क्या भारतीय मजदूरों के काम से खुश नहीं इजरायली कंपनियां? विदेश मंत्रालय ने बता दिया पूरा सच

विदेश मंत्रालय की तरफ ये जानकारी दी गई कि इजरायल की यात्रा करने वाले इन भारतीय कामगारों की भर्ती प्रक्रिया, उनके कौशल का परीक्षण, उनकी उपयुक्तता, यह सब इजरायल ही तय करता है.

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नई दिल्ली:

इजरायल गए भारतीय श्रमिकों के खराब स्किल को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं, जिन्हें खारिज कर दिया गया है. अब विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि भारतीय कामगारों जो इजरायल गए हैं, हमने हाल ही में कुछ रिपोर्ट देखी हैं. जी2जी समझौते के तहत, हाल के महीनों में 4,500, 800 भारतीय कामगारों ने इजरायल की यात्रा की है. इजरायल की ओर से हमें जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार अधिकांश इजरायली कंपनियां भारतीय कामगारों के काम से संतुष्ट हैं.

मजदूरों की होती है प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग 

विदेश मंत्रालय की तरफ ये भी जानकारी दी गई कि इजरायल की यात्रा करने वाले इन भारतीय कामगारों की भर्ती प्रक्रिया, उनके कौशल का परीक्षण, उनकी उपयुक्तता, यह सब इजरायल ही तय करता है. भर्ती के लिए सभी मुद्दों पर गौर किया. इसके अलावा, जब भारतीय कामगार इजरायल की यात्रा करते हैं, तो उन्हें प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग से भी गुजरना पड़ता है. उन्हें कुछ पेशेवर परीक्षण भी करने होते हैं ताकि वे अपना प्रशिक्षण लेने में सक्षम हों.

शुरुआत में आई समस्याओं का हुआ हल

हमें यह बताया गया है कि कुछ भारतीय कामगारों को भाषा संबंधी कुछ समस्याओं, संचार संबंधी समस्या सामना करना पड़ता है, लेकिन हम समझते हैं कि अब इनका समाधान हो चुका है. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा जो प्रतिक्रिया दी गई है और साथ ही इस मामले में इजरायली दूतावास ने भी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने भारत और इजरायल के बीच सरकार-से-सरकार (जी2जी) समझौते के बारे में मीडिया को जानकारी दी, जिससे इजरायल में भारतीय मजदूरों को रोजगार मिलने में सुविधा होगी.

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