बृजभूषण शरण सिंह ने दी चुनौती, दिल्ली पुलिस ने डिलीट किया केस अपडेट का ट्वीट

BJP सांसद तथा WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, "अगर मेरे ख़िलाफ़ एक भी आरोप सिद्ध हो जाता है, तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा... अगर आपके (पहलवानों के) पास कोई सबूत हैं, तो कोर्ट के सामने पेश करो, और मैं कोई भी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं..."

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नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद तथा भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने उन पर लगे यौन शोषण के आरोपों को लेकर उनकी गिरफ़्तारी के लिए लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के बीच बुधवार को सभी आरोपों को खारिज करते हुए चुनौती दी कि दोषी सिद्ध होने पर वह खुद को फांसी लगा लेंगे.

उन्होंने कहा, "अगर मेरे ख़िलाफ़ एक भी आरोप सिद्ध हो जाता है, तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा... अगर आपके (पहलवानों के) पास कोई सबूत हैं, तो कोर्ट के सामने पेश करो, और मैं कोई भी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं..."

बुधवार को ही दिल्ली पुलिस ने भी कहा कि केस की जांच अब तक जारी है, लेकिन तुरंत ही उस पोस्ट को डिलीट भी कर दिया. दिल्ली पुलिस ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर की गई पोस्ट में कहा था, "कुछ मीडिया चैनल महिला पहलवानों द्वारा दर्ज मुकदमे में पुलिस द्वारा फाइनल रिपोर्ट दाखिल किए जाने की ख़बर प्रसारित कर रहे हैं... यह ख़बर पूरी तरह गलत है... यह केस अभी विवेचन में है, और पूरी तफ़्तीश के बाद ही उचित रिपोर्ट न्यायालय में रखी जाएगी..." कुछ ही देर बाद इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया.

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देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुके कई पहलवान इस साल जनवरी माह से ही दिल्ली पहुंचकर BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं. ओलिम्पिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहलवान विनेश फोगाट समेत कुछ एथलीट भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है.

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मंगलवार को घटनाक्रम ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया था, जब साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवान हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर एकत्रित हुए और इन पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में अपने द्वारा जीते गए विश्व चैम्पियनशिप और ओलिम्पिक मेडल गंगा नदी में बहा देने की धमकी दी. बहरहाल, किसान नेता नरेश टिकैत और अन्य खाप व किसान नेताओं ने पांच दिन के भीतर समाधान का वादा करते हुए पहलवानों को मेडल बहाने से रोकने के लिए मना लिया. टिकैत ने मीडिया को अपने संदेश में एथलीटों की प्रशंसा करते हुए कहा, "उनकी वजह से हम अंतरराष्ट्रीय खेल क्षेत्र में अपना सिर ऊंचा रखते हैं... हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें शर्म से सिर नहीं झुकाना पड़े..."

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अब गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर जिले के शोरम कस्बे में एक अहम खाप पंचायत बुलाई है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता और बालियान खाप प्रमुख नरेश टिकैत ने घोषणा की है कि ऐतिहासिक शोरम चौपाल में आयोजित महापंचायत के दौरान पहलवानों का विरोध ही केंद्रीय मुद्दा होगा. महापंचायत में विभिन्न खापों के प्रतिनिधियों और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से उनके प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है, ताकि पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का अगला कदम तय किया जा सके.

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गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने रविवार, 28 मई को कई पहलवानों को हिरासत में लिया था और उनके खिलाफ कानून एवं व्यवस्था के उल्लंघन के लिए FIR दर्ज की थी. उसी दिन, एथलीटों के धरनास्थल को भी खाली करवा लिया गया था, जब उन्होंने भारत के नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की थी.

इस बीच, कुश्ती के अंतरराष्ट्रीय शासी निकाय यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच में नतीजे नहीं आने की भी आलोचना की है. एक बयान में UWW ने भारतीय ओलिम्पिक संघ (IOA) को 45 दिन के भीतर WFI के लिए नए सिरे से चुनाव कराने के वादे की याद दिलाई, और चेतावनी दी कि ऐसा करने में विफलता महासंघ के निलंबन का कारण बन सकती है. UWW ने एथलीटों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की और उनकी हालत पर चर्चा के लिए पहलवानों के साथ बैठक की योजना बनाई है.

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