विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कनाडा के साथ जारी विवाद पर अपनी बात रखी है. सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित NDTV वर्ल्ड समिट 2024- 'द इंडिया सेंचुरी' में विदेश मंत्री ने कहा, "कनाडा का मुद्दा (India-Canada Tension) एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा है. उसका दोहरा चरित्र है. दुनिया के समीकरण बदल रहे हैं. दुनिया में नया पावर बैलेंस हो रहा है. ऐसे में पश्चिम के देश इसे पचा नहीं पा रहे. कनाडा उसमें शामिल है. हालांकि, सभी पश्चिम देश एक जैसे नहीं हैं."
एस जयशंकर ने कहा, "मैं US या यूरोप जाता हूं, तो वहां के देश भारत के साथ काम करने को अहमियत देते हैं. ये बातें कनाडा में सुनने को नहीं मिलती.1945 के बाद वर्ल्ड का सिस्टम बहुत पश्चिमी था. 1990 के दशक के बाद यह बहुत पश्चिमी थी. लेकिन पिछले 20 सालों में चीजें बदली हैं. वर्ल्ड का बैलेंस बदला है. कई गैर-पश्चिमी देश बहुत प्रभावशाली रहे हैं. गैर-पश्चिम और पश्चिम के बीच समीकरण बदल रहा है. लिहाजा इसे पचाना और समायोजित करना आसान नहीं है. कनाडा के साथ यही दिक्कत है."
वर्ल्ड ऑर्डर में एक शांतिदूत की तरह उभर रहा भारत
इस दौरान जयशंकर ने भारत और PM मोदी पर दुनिया के बढ़ते भरोसे का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "आज दुनिया में बहुत कम ऐसे नेता हैं, जो रूस के बाद यूक्रेन का दौरा कर सकते हैं. दोनों जगहों पर अपनी बात खुलकर रख सकते हैं.
एस जयशंकर ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी रूस गए और उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. फिर वे कीव गए. अभी यूक्रेन में युद्ध चल रहा है. कितने देश, कितने प्रधानमंत्री, कितने नेता, मॉस्को जाकर खुलकर बात कर सकते हैं, कीव जाकर खुलकर बात कर सकते हैं, मॉस्को जा सकते हैं और फिर कीव जा सकते हैं?"
मिडिल ईस्ट में भी बढ़ा भरोसा
जयशंकर ने कहा, "इसी तरह, मिडिल ईस्ट में एक और जंग चल रही है. अब, बहुत से लोग नहीं जानते कि पिछले साल भी, हमने ईरान और इजरायल के साथ कितनी बार बातचीत की है. लोगों को हम पर भरोसा है कि हम उनके हितों के लिए खड़े होंगे."