West Tuipui Election Results 2023: जानें, पश्चिम तुईपुई (मिज़ोरम) विधानसभा क्षेत्र को

पश्चिम तुईपुई विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 14874 वोटर हुआ करते थे, जिन्होंने 5943 वोट देकर कांग्रेस के उम्मीदवार निहार कांति चकमा को जिताया था, जबकि 3558 वोट पा सके बी जे पी के प्रत्याशी किना रंजन चकमा 2385 वोटों से चुनाव हार गए थे.

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मिज़ोरम में एक ही चरण में 7 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

देश के पूर्वोत्तर हिस्से में बसे मिज़ोरम (Mizoram Assembly Elections 2023) राज्य के मिज़ोरम क्षेत्र में लुंगलेई जिले के भीतर पश्चिम तुईपुई विधानसभा क्षेत्र आता है, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 14874 मतदाता थे, और जिन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार निहार कांति चकमा को 5943 वोट देकर जिताया था, और विधायक बनाया था, जबकि बी जे पी के उम्मीदवार किना रंजन चकमा को 3558 मतदाताओं का भरोसा मिल सका था, और वह 2385 वोटों से चुनाव में पराजित हो गए थे.

इससे पहले, वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पश्चिम तुईपुई विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार निहार कांति चकमा ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 6914 मतदाताओं ने समर्थन दिया था. विधानसभा चुनाव 2013 में इस सीट पर एमएनएफ के उम्मीदवार प्रीति रंजन चकमा को 3580 वोट मिले थे, और वह 3334 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में पश्चिम तुईपुई विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार निहार कांति को कुल मिलाकर 5052 वोट मिले थे, और उन्हें जीत हासिल हुई थी, जबकि एमएनएफ के प्रत्याशी अलक बिकास चकमा दूसरे स्थान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 3512 वोटरों का ही समर्थन मिल सका था, और वह 1540 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव में पिछड़ गए थे.

पूर्वोत्तर भारत के मिज़ोरम सूबे में वर्ष 2018 में हुए चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में लम्बे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. 40-सदस्यों वाली विधानसभा में मिज़ो नेशनल फ़्रंट (MNF) को सबसे अधिक 27 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस को महज़ चार सीटों पर सफलता मिली थी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक और निर्दलीय उम्मीदवारों ने आठ सीटों पर बाज़ी मारी थी. विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की ज़ोरदार जीत के बाद मिज़ो नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष ज़ोरमथांगा राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. गौरतलब है कि साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को राज्य में शानदार जीत मिली थी, और उसके प्रत्याशी राज्य की कुल 40 में से 34 सीटों पर चुनाव जीते थे. इससे पहले, वर्ष 2008 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने ही सफलता का परचम लहराया था. मिज़ोरम भारत के आठ पूर्वोत्तर राज्यों में से एक है. 20 फरवरी, 1987 को भारत के 23वें राज्य के रूप में इसका गठन किया गया था. इससे पहले यह एक केंद्रशासित प्रदेश था.

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