पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के तहत डाले जा रहे हैं मतदान
 
                                                                                                                पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के तहत मतदान शुरू हो गया है. चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो सकें इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. हालांकि, इन तमाम इंतजाम के बाद भी कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं.
पंचायत चुनाव से जुड़ी 10 बातें पढ़ें 
										- इस पंचायत चुनाव में लगभग 5.67 करोड़ लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. ये मतदाता 22 जिला परिषदों, 9,730 पंचायत समितियों और 63,229 ग्राम पंचायतों की लगभग 928 सीटों के लिए प्रतिनिधियों की किस्मत तय करेंगे.
 - 8 जून को चुनावों की घोषणा होने के बाद से पूरे राज्य से व्यापक हिंसा की खबरें आ रही हैं. अभी तक ऐसी हिंसा में किशोर समेत एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है.
 - मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो कि तृणमूल कांग्रेस से हैं, और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मिलकर इस चुनाव में TMC के अभियान का नेतृत्व किया है.
 - सीएम ममता ने 2018 के ग्रामीण चुनावों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत रणनीति से दूर रहने और राजनीतिक विरोधियों को अधिक डेमोक्रैटिक स्पेस देने की आवश्यकता पर जोर दिया था.
 - भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भाजपा के अभियान का नेतृत्व किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने अपनी पार्टियों के लिए विशेष रणनीति पर काम किया.
 - उत्तर और दक्षिण 24 परगना के कुछ हिस्सों में अपनी सीमित उपस्थिति के साथ इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने भी सुर्खियां बटोरीं . ऐसा इसलिए क्योंकि इसके नेता और एकमात्र विधायक नवसाद सिद्दीकी ने पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया.
 - पहली बार, राजभवन ने चुनावी हिंसा के मुद्दों को लेकर सक्रिय भूमिका निभाई. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए अपने आधिकारिक आवास पर "पीस होम" भी खोला. ताकि ऐसे लोगों की समस्याओं को सुना जा सके.
 - पंचायत चुनाव को लेकर मुर्शिदाबाद में कांग्रेस और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी झड़प की घटनाएं सामने आई हैं.
 - राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव कराए जाएं , इसके लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
 - 2013 के पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की भारी तैनाती के बावजूद, तृणमूल ने 85 प्रतिशत से अधिक सीटें जीतीं थी.
 
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