पश्चिम बंगाल: नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के वकीलों ने 'बेदखली के नोटिस' पर किया अदालत का रुख

सेन के वकील गोराचंद चक्रवर्ती ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने विश्व भारती के अधिकारियों द्वारा जारी आदेश के प्रति अदालत का ध्यान आकृष्ट किया है. उनका आदेश अवैध है. हमें यह भी पता चला है कि विश्व भारती ने एक ‘कैविएट’ (अपना पक्ष सुने जाने के लिए एक याचिका) दायर की है.

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शांतिनिकेतन (पश्चिम बंगाल): नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के वकीलों ने पश्चिम बंगाल की वीरभूम जिला अदालत का रुख कर विश्व भारती के बेदखली के उस नये आदेश को चुनौती दी है, जिसमें प्रख्यात अर्थशास्त्री को विश्वविद्यालय परिसर में स्थित उनकी पैतृक संपत्ति के अंदर ‘अतिक्रमित भूमि' का एक हिस्सा खाली करने को कहा गया है.

केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अपने आदेश में सेन को छह मई तक या 19 अप्रैल के प्रकाशित आदेश के 15 दिनों के अंदर सेन को इसे (भूमि को) खाली करने को कहा है, जिसपर कथित रूप से अनधिकृत तरीके से कब्जा किया गया है. इस दावे का खंडन करते हुए सेन के वकीलों ने शुक्रवार को जिला अदालत का रुख कर विश्व भारती के आदेश को चुनौती दी है और बेदखली के इस आदेश को अवैध करार दिया है.

सेन के वकील गोराचंद चक्रवर्ती ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने विश्व भारती के अधिकारियों द्वारा जारी आदेश के प्रति अदालत का ध्यान आकृष्ट किया है. उनका आदेश अवैध है. हमें यह भी पता चला है कि विश्व भारती ने एक ‘कैविएट' (अपना पक्ष सुने जाने के लिए एक याचिका) दायर की है. हमने निष्कासन आदेश मुद्दे में दी गई छह मई की समय सीमा से पहले सुनवाई की अपील की है.''

चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अदालत स्थिति पर विचार करेगी और मामले की शीघ्र सुनवाई करेगी.' वकील ने कहा कि वीरभूम कार्यकारी दंडाधिकारी का एक आदेश भी है, जिसमें पुलिस को छह जून तक संपत्ति के संदर्भ में यथास्थिति रखने को कहा गया है, जब वह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 145 (भूमि या जल से जुड़े विवाद की प्रक्रिया से शांति भंग होने की संभावना हो) से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करेंगे.

सेन के ‘केयरटेकर' गीतिकांत मजूमदार ने भूमि विवाद के चलते शांति भंग होने की आशंका को लेकर यह याचिका दायर की थी. सेन अभी अमेरिका में हैं और उनके जून में भारत लौटने की उम्मीद है. विश्व भारती के प्रवक्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय को इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है.

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि यदि उन्हें (सेन को) जबरन बेदखल करने की कोई कोशिश की गई तो वह (तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) बुलडोजर को रोकने के लिए सेन के शांतिनिकेतन आवास के बाहर धरना देने वाली पहली व्यक्ति होंगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं देखना चाहती हूं कि कौन अधिक शक्तिशाली है...बुलडोजर या मानवता.''

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