पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने झुकने वाला नहीं : ममता बनर्जी

गृह मंत्रालय ने कहा है कि तीन आईपीएस अधिकारियों को पहले ही नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं और उन्हें फौरन कार्य मुक्त किया जाना चाहिए. 

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नई दिल्ली:

केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल (West Bengal) के तीन आईपीएस अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति किए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. ममता ने इस कदम को आईपीएस कैडर नियमा उल्लंघन बताते हुए इसे केंद्र द्वारा छद्म तरीके से पश्चिम बंगाल को नियंत्रित करने का प्रयास बताया है. ममता बनर्जी ने इसे राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने और अधिकारियों को निरुत्साहित करने का प्रयास करार दिया है. ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने झुकने वाला नहीं है..  

बता दें कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार से गुरुवार को कहा कि वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त करे. केंद्र ने कहा कि इन अफसरों को नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को भेजे एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि आईपीएस काडर नियमों के मुताबिक, विवाद की स्थिति में राज्य को केंद्र का कहना मानना होगा. गृह मंत्रालय ने कहा है कि तीन आईपीएस अधिकारियों को पहले ही नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं और उन्हें फौरन कार्य मुक्त किया जाना चाहिए. 

गृह मंत्रालय के इस आदेश के बाद ही ममता बनर्जी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर केंद्र पर निशाना साधा.

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ममता बनर्जी ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, "राज्य की आपत्ति के बावजूद पश्चिम बंगाल के 3 सेवारत IPS अधिकारियों के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का भारत सरकार का आदेश, IPS कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान के शक्ति और ज़बरदस्त दुरुपयोग का एक बड़ा प्रयोग है."

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अपने दूसरे ट्वीट में ममता बनर्जी ने लिखा, "हम केंद्र द्वारा राज्य की मशीनरी को छद्म रूप से नियंत्रित करने के इस तरह के प्रयास को अनुमति नहीं देंगे. पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने झुकने वाला नहीं है."

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पश्चिम बंगाल की सीएम ने तीसरे ट्वीट में लिखा, "यह कदम और कुछ नहीं बल्कि राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने का और पश्चिम बंगाल में सेवारत अधिकारियों को निरुत्साहित करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है. यह कदम, विशेष रूप से चुनावों से पहले संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है. यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है! "

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इससे पहले केंद्र सरकार के अधिकारी ने बताया कि भोलानाथ पांडे को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक बनाया गया है जबकि प्रवीण त्रिपाठी को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीआईजी के तौर पर नियुक्ति दी गई है. वहीं राजीव मिश्रा को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का आईजी नियुक्त किया गया है. 

पत्र की प्रति पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भी भेजी गई है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पिछले हफ्ते हमले के बाद ड्यूटी में कथित लापरवाही को लेकर केंद्र ने तीन आईपीएस अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने का निर्देश दिया था.

(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)

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