पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव (West Bengal Assembly Polls) के बाद से सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) और विपक्षी बीजेपी (BJP) के बीच सियासी तनातनी बरकरार है. 'यास' तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोलकाता में समीक्षा बैठक की थी. इस बैठक में सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) और बंगाल के तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय 30 मिनट की देरी से पहुंचे थे. बीज्पी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने न केवल इसकी आलोचना की थी बल्कि ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि गैर विधायक सीएम ने पीएम का अपमान किया है.
उधर, ममता बनर्जी ने उस समीक्षा बैठक में शुभेंदु अधिकारी के शामिल होने पर सवाल उठाया था और पूछा था कि एक विधायक को इसकी इजाजत क्यों दी गई? बीजेपी ने ममता के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा था कि शुभेंदु अधिकारी को विधायक दल का नेता और विरोधी दल का नेता चुना गया है. इस हैसियत से वह पीएम के साथ मीटिंग में थे.
पीएम की मीटिंग में देरी से पहुंचने पर ममता ने जब सफाई दी तो शुभेंदु ने उस पर भी पलटवार किया और कहा कि ममता झूठ बोल रही हैं. इसी विवाद में केंद्र ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय की प्रतिनियुक्ति केंद्र सरकार में कर दी. ममता ने जहां इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया, वहीं शुभेंदु ने इसे रूटीन की कार्रवाई बताया.
इसी बीच, 1 जून को शुभेंदु अधिकारी, उनके भाई सौमेंदु अधिकारी और उनके नजदीकियों पर राहत सामग्री चोरी करने का केस दर्ज कर लिया गया. यह केस पूर्वी मिदनापुर के कांठी थाना में दर्ज किया गया है. कांठी नगर पालिका के प्रशासक मंडल के सदस्य रत्नदीप मन्ना ने पुलिस को लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि 29 मई को हिमांगशु मन्ना और प्रताप डे ने कोंटाई नगर पालिका के आधिकारिक गोदाम से तिरपाल का एक ट्रक लूट लिया, जिसकी अनुमानित लागत करीब एक लाख रुपये है.
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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि टीएमसी से बीजेपी नेता बने शुभेंदु अधिकारी और सौमेंदु अधिकारी के नेतृत्व में राहत सामग्री की चोरी आपराधिक साजिश का परिणाम था. शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि कथित चोरी को केंद्रीय सशस्त्र बलों की मदद से अंजाम दिया गया.
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि सूचना मिलने पर जब शिकायतकर्ता नगर पालिका के अन्य सदस्यों के साथ गोदाम की जांच करने गए तो उनका सामना हिमांगशु मन्ना से हुआ. पूछने पर उन्होंने बताया कि शुभेंदु अधिकारी और सौमेंदु अधिकारी के निर्देशानुसार तिरपाल लिए गए हैं.
रत्नदीप मन्ना की शिकायत पर शुभेंदु अधिकारी, सौमेंदु अधिकारी, हिमांगशु मन्ना और प्रताप डे के खिलाफ कांठी थाना में 1 जून को आईपीसी की धारा 448/379/409/120बी और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005' के तहत आर/डब्ल्यू 51/53 केस दर्ज किया गया है.
इस बीच कोलकाता पुलिस ने दूसरे मामले में शुभेन्दु अधिकारी के एक करीबी राखल बेरा को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. बेरा पर 2019 के दौरान सिंचाईं एवं जलमार्ग मंत्रालय में नौकरी दिलाने के फर्जी वादा करके लोगों को धोखा देने का आरोप है. बता दें कि शुभेंदु अधिकारी ने राज्य की प्रतिष्ठित नंदीग्राम विधानसभा सीट पर हुए चुनावों में ममता बनर्जी को हराया है.