पश्चिम बंगाल के संदेशखाली (Sandeshkhali Case) इलाके में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में सीबीआई (CBI) को 26 घंटे बाद आखिरकार शेख शाहजहां की कस्टडी मिल गई है. बंगाल पुलिस ने शाम 6:45 बजे शेख शाहजहां (Sheikh Shahjahan)को सीबीआई के हवाले किया. इससे पहले बुधवार को ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार को शाहजहां शेख केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) से झटका मिला. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से शाहजहां शेख को CBI के हवाले करने का शाम 4:15 तक का वक्त दिया था. डेडलाइन बीतने के बाद भी बंगाल पुलिस ने शेख शाहजहां का हैंडओवर नहीं दिया. जिसके बाद सीबीआई की टीम बंगाल पुलिस हेडक्वॉर्टर पहुंची थी. इससे पहले CID की टीम ऑफिस के पीछे के दरवाजे से शेख शाहजहां का मेडिकल टेस्ट कराकर वापस हेडक्वॉर्टर ले आई थी.
हाईकोर्ट ने एक दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित नेता को शाम साढ़े चार बजे तक सीबीआई को सौंपने को कहा था. हालांकि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सीबीआई की टीम कल जब शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए पहुंची तो उन्हें बताया गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार के तत्काल सुनवाई के अनुरोध को ठुकरा दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने रोक का आदेश नहीं दिया : हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि वह अपने आदेश के कार्यान्वयन को लेकर गंभीर है. इसमें कहा गया, "सुप्रीम कोर्ट ने रोक का आदेश नहीं दिया है. इसलिए शाहजहां को आज शाम 4.15 बजे तक सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए."
साथ ही हाईकोर्ट ने अवमानना का नोटिस भी जारी किया और बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने और मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने के उसके मंगलवार के आदेश को ‘‘तुरंत लागू'' करे.
राज्य सरकार के खिलाफ ईडी ने दायर की अवमानना याचिका
ईडी ने राज्य सरकार के खिलाफ जस्टिस हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक अवमानना याचिका दायर की. एजेंसी ने दावा किया गया कि राज्य सरकार ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली पीठ के मंगलवार के आदेशों को लागू नहीं किया है.
अदालत ने रेखांकित किया कि राज्य ने दलील दी है कि उसने मंगलवार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है, लेकिन जबतक शीर्ष अदालत आदेश पारित नहीं करती तब तक उसके आदेशों के कार्यान्वयन पर कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई गई है.
सीबीआई को हिरासत देने से इनकार करने की कोशिश : एसवी राजू
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि एसएलपी के लंबित रहने पर हाईकोर्ट के आदेश तब तक रोक नहीं है, जब तक कि इस आशय का कोई स्पष्ट आदेश न हो. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार शेख की हिरासत सीबीआई को देने से इनकार करने की कोशिश कर रही है.
ईडी अधिकारियों की टीम पर पांच जनवरी को उस समय हमला किया जब वह राशन घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के लिए संदेशखाली स्थित शेख के आवास पर गई थी. शेख को 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद राज्य पुलिस ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी.
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