23 सालों में बंगाल के 10 जिलों में दोगुनी हुई आबादी... बीजेपी ने टीएमसी को SIR पर EC के आंकड़ों से घेरा

SIR पर टीएमसी के विरोध और बीजेपी के लगातार पलटवार से साफ है कि बंगाल चुनाव में मुख्य मुद्दा घुसपैठियों का होने जा रहा है. दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी सीमा रेखा तय कर ली है और लगातार एक-दूसरे पर हमलावर हैं.

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  • पश्चिम बंगाल समेत देश के बारह राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है
  • तृणमूल कांग्रेस ने एसआईआर के दौरान तीस लोगों की मौत होने का दावा करते हुए जिम्मेदारी तय करने की मांग की है
  • बंगाल में घुसपैठियों का मुद्दा मुख्य विवाद बन गया है और दोनों प्रमुख पार्टियां इस पर तीखे हमले कर रही हैं
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पश्चिम बंगाल समेत देश के 12 राज्यों में  इन दिनों SIR चल रहा है. ममता बनर्जी सहित उनकी पार्टी टीएमसी इसको लेकर चुनाव आयोग और बीजेपी का विरोध कर रही है. तृणमूल कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि राज्य में जारी एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान 34 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही इन मौतों के लिए निर्वाचन आयोग से जिम्मेदारी लेने की मांग की है. ममता बनर्जी ने इस संबंध में चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है. अब बीजेपी ने आंकड़ों के साथ ममता बनर्जी और टीएमसी को घेरा है. 

BJP के दावे

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, '2002 में, जब भारत के चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अंतिम बार आयोजित किया गया था, और 2025 के बीच, पश्चिम बंगाल में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में 66% की वृद्धि देखी गई है. मतदाता 4.58 करोड़ से बढ़कर 7.63 करोड़ हो गए.

ईसीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि मतदाताओं में सबसे अधिक वृद्धि वाले शीर्ष 10 जिलों में से नौ बांग्लादेश की सीमा से लगे हैं.

ईसीआई के आंकड़ों के अनुसार, जिन नौ सीमावर्ती जिलों में सबसे तेज़ वृद्धि देखी गई है, वे हैं: उत्तर दिनाजपुर (105.49% वृद्धि), मालदा (94.58%), मुर्शिदाबाद (87.65%), दक्षिण 24 परगना (83.30%), जलपाईगुड़ी (82.3%), कूच बिहार (76.52%), उत्तर 24 परगना (72.18%), नदिया (71.46%) और दक्षिण दिनाजपुर (70.94%). शीर्ष 10 में एकमात्र गैर-सीमावर्ती जिला बीरभूम (73.44%) है.

ये अवैध घुसपैठिए अब बंगाल और शेष भारत में फैले हुए हैं, और ममता बनर्जी के वोट बैंक का मूल आधार हैं. यही कारण है कि वह उन्हें बचाने की पूरी कोशिश कर रही हैं - और यही कारण है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उनका उग्र विरोध कोई आश्चर्य की बात नहीं है.'

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SIR पर टीएमसी के विरोध और बीजेपी के लगातार पलटवार से साफ है कि बंगाल चुनाव में मुख्य मुद्दा घुसपैठियों का होने जा रहा है. दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी सीमा रेखा तय कर ली है और लगातार एक-दूसरे पर हमलावर हैं. आपको बता दें कि 2026 में ही पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में दोनों पक्षों की तरफ से अभी से तीखी बयानबाजी जारी है. 

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