
Weather Update: देश में दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून (Monsoon 2025) तूफानी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. केरल में शनिवार को दस्तक देने के बाद मॉनसून महाराष्ट्र तक पहुंच गया है. 35 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब मॉनसून ने इतनी जल्दी महाराष्ट्र तक पहुंचा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां बेहद अनुकूल हैं. आईएमडी ने बताया कि मानसून रविवार को अरब सागर के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक, पूरे गोवा, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, उत्तरी बंगाल की खाड़ी और मिजोरम के कुछ हिस्सों, मणिपुर और नगालैंड के कुछ हिस्सों तक पहुंच गया.
आईएमडी की वैज्ञानिक सुषमा नायर ने बताया कि 1990 में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 20 मई को महाराष्ट्र में दस्तक दी थी.
मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां
आईएमडी ने कहा, ‘‘मानसून के मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मुंबई सहित महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों, बेंगलुरु सहित कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के शेष हिस्सों, पश्चिम-मध्य और उत्तरी बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों तथा अगले तीन दिनों के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.''
महाराष्ट्र में तटीय कोंकण क्षेत्र और मुंबई में पिछले दो दिनों से भारी मानसून-पूर्व वर्षा हो रही है. पुणे के बारामती और इंदापुर तहसीलों में रविवार को भारी बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई.
केरल में भारी बारिश का अनुमान
आईएमडी का अनुमान है कि आज केरल के कुछ इलाकों में भारी बारिश, आंधी, बिजली और 40-50 किमी प्रति घंटे की हवाओं के साथ कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक बारिश होने की संभावना है. इसके अलावा 27-31 मई के बीच कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है. वहीं आज और कल आतंरिक कर्नाटक के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. यहां पर 28-31 मई के दौरान भी भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है तो उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में आज और कल भारी से बहुत भारी और 28-30 मई के मध्य भारी बारिश की संभावना है.
आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा और तेलंगाना में आंधी, बिजली और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंचने वाली हवाओं के साथ छिटपुर से व्यापक हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है. इसी तरह आज तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है.
महाराष्ट्र में तेज हवाओं के साथ बारिश का अनुमान
कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में गरज, बिजली और 40-50 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं के साथ आज और छिटपुट से हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है. वहीं आज से 28 मई तक गुजरात में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जो कि 70 किमी तक भी पहुंच सकती हैं.
साथ ही मराठवाड़ा और गुजरात क्षेत्र में आज और कल छिटपुट बारिश का अनुमान है. वहीं आज से 30 मई तक कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र में छिटपुट बहुत बारिश हो सकती है.
पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश का अनुमान
पूर्वोत्तर भारत में आज और 29-31 मई के मध्य अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है. वहीं आज से 31 मई तक असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के साथ ही 28 और 29 मई को नागालैंड और मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में तो 30 और 31 मई को असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है.
पूर्वी और मध्य भारत में आंधी-बिजली
पूर्व और मध्य भारत में आज से 29 मई तक विदर्भ और छत्तीसगढ़ में तो आज से 31 मई तक पश्चिम बंगाल और सिक्किम, झारखंड, ओडिशा में आंधी, बिजली और 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ छिटपुट से लेकर व्यापक हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है. आज से 29 मई तक मध्य प्रदेश में और आज से 31 मई तक बिहार में आंधी, बिजली और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है.
उत्तर-पश्चिमी भारत में ऐसा रहेगा मौसम
उत्तराखंड में आज से 31 मई तक आंधी, बिजली और 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ छिटपुट से लेकर व्यापक हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है. 27 और 28 मई को हिमाचल प्रदेश में आंधी-तूफान के साथ 50 से 60 किमी प्रति घंटे की हवाएं चल सकती हैंं, जिनके 70 किमी तक पहुंचने का अनुमान है. वहीं 27 और 28 मई को ही हिमाचल में कुछ स्थानों पर ओले गिर सकते हैं.
वहीं आज राजस्थान में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं के साथ धूल भरी आंधी चलने की संभावना है.
शनिवार को केरल पहुंचा था मॉनसून
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने शनिवार को केरल में दस्तक दी. वर्ष 2009 के बाद से ऐसा पहली बार है जब मानसून इतनी जल्दी केरल पहुंचा है. साल 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था.
सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है तथा आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है. मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस लौट जाता है.
यह आमतौर पर सात जून के आसपास महाराष्ट्र और 11 जून को मुंबई पहुंचता है.