भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और आसपास के क्षेत्रों पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. सोमवार यानी 21 मार्च, 2022 तक इसके एक चक्रवाती तूफान 'आसनी' में बदलने की संभावना है.
IMD ने बताया कि आज 18 मार्च को सुबह 08:30 बजे IST तक निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर और पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर केंद्रित था जो पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है. इसके पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है. इसके बाद एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है. मौसम विज्ञानियों ने बताया कि यह निम्न दाब 19 मार्च की सुबह दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर स्थित होगा.
इसके बाद, इसके अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है, 20 मार्च की सुबह तक एक डिप्रेशन और 21 मार्च को एक चक्रवाती तूफान में इसके बदलने की संभावना है. IMD ने बताया कि इसके बाद, चक्रवात उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ सकता है और 22 मार्च, 2022 की सुबह बांग्लादेश-उत्तर म्यांमार तटों के आसपास पहुंचने की संभावना है.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सांसद कुलदीप राय ने आसनी तूफान के संभावित खतरों को देखते हुए उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डी के जोशी से आपदा प्रबंधन तंत्र को हाई अलर्ट पर रखने का आग्रह किया है. उन्होंने उपराज्यपाल जोशी से सभी स्कूलों और कॉलेजों में 19 और 21 मार्च को अवकाश घोषित करने का भी आग्रह किया है. 20 मार्च को रविवार होने के कारण छुट्टी है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मछुआरों को इस अवधि के दौरान बंगाल की खाड़ी और अंडमान के समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है . मौसम विभाग की चेतावनी का हवाला देते हुए, सांसद ने उपराज्यपाल को एक पत्र लिखकर सुझाव दिया कि एहतियात के तौर पर द्वीपसमूह में सभी पर्यटन गतिविधियों को 19-22 मार्च की अवधि के लिए स्थगित कर दिया जाए.
उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान के मद्देनजर आपदा प्रबंधन मशीनरी को हाई अलर्ट पर रखा जाए और स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए दूरदराज के द्वीपों में पर्याप्त संख्या में अधिकारियों को तैनात किया जाए.