कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 67वें दिन भी दिल्ली और यूपी के सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर किसानों का हुजूम लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि इलाके में सुरक्षा व्यवस्था 2-3 दिन में बेहद कड़ी की गई है. गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद आंदोलन की आंच औऱ तेज हुई है. रोजाना सैकड़ों लोग खासकर युवा सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर (Singhu, Ghazipur, and Tikri border) की ओर बढ़ रहे हैं. आंदोलनकारियों के बीच किसान एकता जिंदाबाद और जय जवान-जय किसान के नारे लगा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से आए दो लोगों का कहना है कि वे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के रोने का वीडियो देखने के बाद प्रदर्शनस्थल पर वापस लौटे हैं. टिकैत इस वीडियो में रोते हुए धरनास्थल से हटने से इनकार कर रहे हैं. गाजियाबाद प्रशासन ने उन्हें वहां से हटने को कहा था.
उधर, गृह मंत्रालय ने दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में इंटरनेट सेवा (Internet services in Delhi's border) रोक दी है. सुरक्षा कारणों को देखते हुए ऐसा किया गया है. हरियाणा सरकार ने भी 17 जिलों में इंटरनेट सेवा 31 जनवरी शाम पांच बजे तक बंद कर दी है.वहीं विपक्षी दलों द्वारा बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक के जरिये विरोधी नेताओं से संवाद किया.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार अभी भी किसानों से बातचीत को तैयार है. सरकार की ओर से किसानों को 18 माह तक कृषि कानूनों को स्थगित कर चर्चा करने का प्रस्ताव भी अभी तक बरकरार है.