स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव (Swaraj India Yogendra Yadav) ने इन दावों को गलत बताया है कि किसान आंदोलन कमजोर पड़ रहा है. योगेंद्र यादव ने कहा कि कैमरे का फोकस कहीं और ही है, बस आंदोलन (Farmers protest) को कमजोर दिखाने की कोशिश हो रही है. योगेंद्र यादव ने कहा कि यह सरकार वोटों की भाषा ही जानती है, लिहाजा हम असम और पश्चिम बंगाल जाएंगे और वहां की जनता से BJP को सबक सिखाने की अपील करेंगे.
योगेंद्र यादव ने कहा कि राजस्थान के सीकर में मंगलवार को किसानों की महापंचायत बेहद सफल रही. सरकार आंदोलन को दबाने की जितनी कोशिश करेगी. यह उतना फैलेगा. आंदोलन का विस्तार तेजी से देश के दूसरे हिस्सों में हो रहा है. किसान आंदोलन के साथ मजबूती से खड़े हैं. योगेंद्र यादव ने माना कि किसान आंदोलन से कुछ वक्त (26 जनवरी हिंसा) सहानुभूति कम हुई थी, लेकिन बाद में सच सामने आ गया.
राकेश टिकैत के आंसुओं ने दाग धोए और एकाएक गाजीपुर में बाजी पलट गई. योगेंद्र यादव ने कहा कि आंदोलन में राकेश टिकैत का बड़ा योगदान है और विरोध प्रदर्शन के चौथे चरण में चुनौती है कि कैसे देश के कोने-कोने तक यह पहुंचे. उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर का कि इस सवाल को बड़े पैमाने पर उठाना है और इसको लेकर साजिश के भंडाफोड़ का समय आ गया है.
स्वराज इंडिया के प्रमुख ने किसानों से अपील की कि वे अपनी फसलों को न जलाएं. मेहनत की कमाई को नष्ट न करें. किसानों को तो फसल का पूरा दाम वसूलना है. योगेंद्र ने कहा कि पंजाब चुनाव में बीजेपी को सजा मिले, लेकिन हर चुनाव से इसे परखने को ठीक नहीं बताया.
यादव ने असम और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कहा कि हम लोगों से वहां जाकर कहेंगे कि वे बीजेपी को सबक सिखाएं. ये सरकार वोटों की भाषा ही जानती है, लिहाजा आने वाले चुनावों को लेकर किसान नेता साझा तौर पर निर्णय लेकर अपनी रणनीति पेश करेंगे. उन्होंने दोहराया कि जिस आंदोलन को मृत घोषित किया गया था, वह तेजीसे आगे बढ़ रहा है. और विस्तार लेगा.