लगातार गिरते पारे के बीच सिर्फ फल और बिस्किट से गुजारा कर रहे यूक्रेन में फंसे कुछ भारतीय स्‍टूडेंट

खारकीव शहर के मेयर ने लगातार विस्‍फोटों के आवाज के चलते लोगों से शेल्‍टर में ही रहने को कहा है. स्‍टूडेंट्स ने कहा कि जमाव बिंदु तक तापमान पहुंचने के बावजूद वे सुरक्षा के लिहाज से बंकर में ही रहे.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
रूस के हमले के कारण यूक्रेन में बड़ी संख्‍या में भारतीय छात्र फंसकर रह गए हैं
नई दिल्‍ली:

Russia Ukraine Crisis:रूस के हमले के कारण यूक्रेन में फंसकर रह गए भारतीय स्‍टूडेंट्स वहां तमाम परेशानियों का सामना कर रहे हैं. पूरी रात रूसी सेना जब यूक्रेन में प्रवेश कर रही थी कि यूक्रेन के खारकीव शहर में भारतीय मेडिकल स्‍टूडेंट्स का एक ग्रुप अपने अपार्टमेंट की बिल्डिंग के अंधेरे बेसमेंट में गुजारने को मजबूर थे. इस दौरान विस्‍फोट की लगातार आ रही आवाजें उनके डर को बढ़ा रही थीं. यह बमबारी सुबह तक जारी रही.खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के थर्ड ईयर की एक छात्रा लक्ष्‍मी देवी (21वर्ष) ने न्‍यूज एजेंसी Reuters को फोन पर बताया, 'इस समय हम गोलीबारी की आवाज सुन सकते हैं. कितने धमाके हो रहे हैं, हम गिन भी नहीं सकते.' लक्ष्‍मी देवी उन हजारों विदेशी स्‍टूडेंट्स में हैं जो रूस के हमले मे बाद यूक्रेन में फंस गए  हैं.  आधिकारिक तौर पर अनुमान के अनुसार, यूक्रेन में करीब 76 हजार विदेशी स्‍टूडेंट है इसमें से ज्‍यादा मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, इसमें भारतीय स्‍टूडेंट की संख्‍या 18 हजार के आसपास है. अफ्रीका के हजारों स्‍टूडेंट भी सोवियत संघ के इस पूर्व सदस्‍य देश में फंसे हैं. 

खारकीव शहर के मेयर ने लगातार विस्‍फोटों के आवाज के चलते लोगों से शेल्‍टर में ही रहने को कहा है. स्‍टूडेंट्स ने कहा कि जमाव बिंदु तक तापमान पहुंचने के बावजूद वे सुरक्षा के लिहाज से बंकर में ही रहे. उन्‍होंने कहा कि खाना और पानी की कमी होती जा रही है. हममें से नौ लोगों केवल कुछ फल और बिस्किट की बचे हैं. देवी ने कहा, 'हम घर वापस लौटना चाहते हैं.' पश्चिमी यूक्रेन की तेरनोपिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (Ternopil National Medical University)के  पांचवें वर्ष के छात्र पुष्‍पक स्‍वर्णाकर को भी 2000 अन्‍य भारतीयों के साथ बंकर में शरण लेनी पड़ी. उन्‍होंने कहा कि लड़ाई या लंबे ट्रैफिक जाम में फंसने और खराब मौसम के चलते ये भारत सरकार की उस सलाह का पालन करने से हिचक रहे थे जिसमें उन्‍हें अपने इंतजाम से पोलैंड, रोमानिया या स्‍लोवाकिया की बॉर्डर पर पहुंचने को कहा गया था. 25 साल के पुष्‍पक ने कहा, 'स्‍थानीय प्रशासन की ओर से बिजली, गैस और वाटर सप्‍लाई को लेकर चेतावनी दिए जाने के बाद हमने एक सप्‍ताह के भोजन और पानी का इंतजाम कर लिया है.'

इस बीच, भारत में यूक्रेन में फंसे भारतीयों के परिजनों, राज्‍य सरकारों और विपक्षी पार्टियों ने इन लोगों की स्‍वदेश सुरक्षित वापसी सुनिचित करने हेतु पीएम नरेंद्र मोदी से तत्‍काल कदम उठाने का आग्रह किया है. सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस मुल्‍क में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने की है, जिसके लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए हंगरी और पोलैंड की सीमाओं के जरिए सरकारी दलों को भेजा है. भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, 'सुरक्षित मार्गों की पहचान कर ली गई है. सड़क मार्ग से, यदि आप कीव से जाते हैं, तो आप नौ घंटे में पोलैंड और लगभग 12 घंटे में रोमानिया पहुंच जाएंगे. सड़क का नक्शा तैयार कर लिया गया है.'

Featured Video Of The Day
सास-दामाद के अवैध संबंध, बेटी संग मिलकर की खौफनाक हत्या | Baghpat Crime News | NDTV India | UP News
Topics mentioned in this article